व्यापार

अगर आप करते हैं नौकरी तो हो जाइए नई आफत के लिए तैयार

img_20161212111311कैशलेस इकॉनमी बनाने के प्रयासों के मद्देनजर सरकार अब देश के औद्योगिक कामगारों को सीधे खाते में वेतन दिए जाने के बारे में योजना बना रही है।

नोटबंदी के बाद कैश की किल्लत और भ्रष्टाचार संबंधी मामलों को देखते हुए सरकार पारदर्शी तरीका अपनाना चाहती है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि इस कदम के बारे में एक कैबिनेट नोट सर्कुलेट किया गया है जिसमें कहा गया है कि इससे देखा जा सकेगा कि वर्करों को न्यूनतम वेतन मिल रहा है कि नहीं।
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही पारिश्रमिक भुगतान कानून को संशोधित करेगी ताकि कर्मचारियों को उनके वेतन का भुगतान चेक के माध्यम से या बैंक खाते में किया जा सके। दत्तात्रेय ने कहा, ‘ट्रेड यूनियनें मांग कर रही हैं कि कर्मचारियों का वेतन उनके बैंक खातों में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पहुंचे और इसके लिए पारिश्रमिक भुगतान कानून संशोधित किया जाए।’
मोदी सरकार के कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के प्रयासों के साथ यह आइडिया भ्रष्टाचार मिटाने में भी सहायक साबित हो सकता है। ऐसे वर्कर जिनकी मासिक आय 18,000 रुपये से अधिक नहीं है वे इस नियम के तहत इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट के हकदार होंगे। सरकार कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सीधे खाते में या चेक से वेतन भुगतान को अनिवार्य करने के बारे में विचार कर रही है। सूत्रों ने बताया कि श्रमिकों को कैश में वेतन दिये जाने पर काफी भ्रष्टाचार होता है। समय के साथ काफी परिवर्तन आया है और अब अधिकतर वर्करों के पास बैंक खाता भी है।
रेलवे, एयर ट्रांसपॉर्ट और खदानों सहित अन्य क्षेत्रों में काफी काम ठेकेदार के माध्यम से होता है। ठेकेदार श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी न करने पाएं और उन्हें उनकी मजदूरी मिले इसके लिये सरकार इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की तरफ प्रयासरत है। सरकार को इसके लिए पारिश्रमिक भुगतान अधिनियम, 1936 की धारा 6 में संशोधन करेना होगा, जिसके जरिये औद्योगिक या अन्य प्रतिष्ठानों में वर्करों को सीधे खाते में या चेक के द्वारा भुगतान देना संभव हो सकेगा।

सरकार का मानना है कि यह आइडिया इसलिए भी अमल में लाया जा सकता है, क्योंकि ब खाता खुलवाने में ज्याद%E

Related Articles

Back to top button