उत्तर प्रदेशलखनऊ

अमर सिंह दिल्ली में करेंगे शिवपाल के बेटे का रिसेप्‍शन

aditya-yadav-marriage_landscape_1459403072क्या अमर सिंह ने डिनर डिप्लोमेसी के जरिये सपा को सियासी लाभ पहुंचाना शुरू कर दिया है? प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव के पुत्र आदित्य यादव के विवाह की दिल्ली में पार्टी देकर अमर सिंह दिल्ली दरबार में सपा की मुहिम आगे बढ़ाएंगे।

सपा में वापसी के सवाल पर अमर सिंह कहते रहे हैं कि वे दल में रहें न रहें, मुलायम सिंह के दिल में हैं। मुलायम के अलावा शिवपाल के साथ उनकी गहरी छनती है।

अब जबकि आदित्य के विवाह की दावत की मेहमाननवाजी अमर सिंह ने संभाल ली है, इस बात में संदेह नहीं कि वे यादव परिवार के बेहद निकट आ चुके हैं।

यादव परिवार के साथ अमर सिंह की इस सक्रियता को यूपी की सियासत के नजरिए से अहम माना जा रहा है। यों तो यादव परिवार ने पिछली शादी के दौरान सैफई में एक बड़ा जलसा कर यह साफ कर दिया था कि प्रधानमंत्री समेत दूसरे दलों में भी उनके संपर्क बेहद निजी और गहरे हैं लेकिन दिल्ली की इस पार्टी केखास मायने हैं।

मुलायम ‌परिवार के हर समारोह में मौजूद रहते हैं अमर सिंह 

22 मार्च को आजमगढ़ में सठियांव चीनी मिल के उद्घाटन और 39 परियोजनाओं के शिलान्यास के मौके पर मुलायम और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मंच पर अमर सिंह भी मौजूद थे।

तब मुख्यमंत्री ने कहा था कि अमर सिंह की मौजूदगी पर बहुत सारे लोग कुछ न कुछ कहेंगे लेकिन अमर सिंह ने आजमगढ़ के विकास में जो योगदान दिया है उसके लिए हम सब आभारी हैं।

इससे पहले भी अमर सिंह मुलायम सिंह के जन्मदिन से लेकर उनके यहां आयोजित अन्य पारिवारिक समारोहों में जिस तरह शामिल रहे हैं उससे परदे के पीछे सपा की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने की बात नजर आती है।

एक तीर से साध रहे हैं कई निशाने

राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि मुलायम बहुत समझदार व्यक्ति हैं। उन्हें पता है कि 2017 के चुनावी समर में यादवों के साथ अगर ठाकुरों का समर्थन भी मिल जाए तो 2012 के समीकरणों में हुए बिखराव की भरपाई का प्रयास ज्यादा सफल हो सकता है।

जाहिर है, शिवपाल के पुत्र आदित्य के रिसेप्शन की अमर सिंह द्वारा मेजबानी के पीछे मुलायम के दिमाग का यह समीकरण भी है। अमर सिंह के रूप में वह इन्हीं समीकरणों को 2017 में सपा की जीत की संभावनाएं बनाना चाहते हैं।

अमर सपा में भले न आएं लेकिन जिस तरह उन्हें राज्यसभा में भेजने की चर्चा हो रही है और उनकी तरफ से शिवपाल के पुत्र के विवाह का रिसेप्शन दिया जा रहा है, उससे यह संकेत मिलता है कि मुलायम और अमर दोनों की मंशा तकनीकी रूप से दूरी बनाए रखने के बावजूद भविष्य के समीकरणों पर सपा की सफलता की राह तैयार करना है।

संभवत: मुलायम के दिमाग में यह बात है कि इससे आजम और प्रो. रामगोपाल जैसे नेताओं को अमर के सीधे विरोध का मौका भी नहीं मिलेगा। साथ ही वह आजम व अमर को बैलेंस कर लेंगे। अमर की सक्रियता से मुलायम की दिल्ली में रामगोपाल पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।

 

अमर की मेजबानी में दिल्ली में आयोजित होगा आदित्य का रिसेप्‍शन 

अमर की मेजबानी में दिल्ली में आयोजित इस रिसेप्शन में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तमाम प्रमुख लोगों को बुलाया गया है। पर, सबसे ज्यादा उत्सुकता राष्ट्रीय लोकदल के नेता चौधरी अजित सिंह को लेकर है।

लगता है शरद, नीतीश और लालू यादव की पहल पर बन रहे सियासी महागठबंधन में अजित सिंह के शामिल होने की बात सपा मुखिया को कहीं न कहीं खासकर पश्चिमी उप्र में भविष्य में अपने सियासी समीकरणों के लिए चुनौती बनती दिख रही है।

ऐसे में ताज्जुब नहीं कि इस रिसेप्शन के बहाने सपा अमर सिंह के जरिये कोई नया समीकरण बनाने की कोशिश करे।

 

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