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आजम खां की मदद लेने को तैयार पीएम मोदी की खास

jafar-and-azam-567f9d5860835_exlstयूपी आकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खास और नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर सरेशवाला ने एक बड़ा बयान दिया है। जफर सरेशवाला अपने मिशन को पूरा करने के लिए यूपी के मंत्री आजम खां की मदद लेने और उनकी मदद करने को भी तैयार हैं।

लखनऊ आकर जफर सरेशवाला ने कहा कि हम अपने अभियान ‘तालीम की ताकत’ में किसी से भी भेदभाव नहीं करेंगे। यदि आजम खां सहयोग लेना चाहेंगे तो उन्हें पूरा सहयोग करेंगे। जफर ने अपने इंटरव्यू में कहा कि आजम और मेरे बीच 10 मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन पांच मुद्दों पर हम एकराय हो सकते हैं। उन्हीं पांच मुद्दों पर बैठना चाहिए।

गौरतलब है कि आजम खां अपने बयानों और भाषणों में हमेशा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हैं। आजम खां मोदी को कोसने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते। ऐसे में मोदी के खास जफर के इस बयान ने हलचल मचा दी है।

जफर सरेशवाला ने अपने इंटरव्यू में कहा कि यूपी के मुसलमानों के लिए मेरा कोई और एजेंडा या योजना नहीं है। केवल और केवल तालीम पर फोकस है। इसमें साधनहीनता आड़े नहीं आनी चाहिए। तालीम नहीं हासिल की तो मुसलमान हज कमेटी, वक्फ बोर्ड, और अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम तक सीमित रह जाएंगे। या फिर कोटे के तहत जगह भरने के लिए उनका उपयोग होता रहेगा।

अब तक के अपने तजुर्बे, देश के अधिकतर राज्यों और 20-25 साल से यूपी से जुड़ा होने से समझा हूं कि मुसलमानों के सैकड़ों मसले हैं, लेकिन तालीम पा लेने से सभी का हल किया जा सकता है। मुसलमानों में हुनर है, लेकिन तालीम के बिना उसका फायदा नहीं उठा सकते।

10-12 साल तालीम के लिए मेहनत कर ली जाए तो पूरी जिंदगी बदल जाती है। अब साक्षर होने या शिक्षित होने भर से काम नहीं चलेगा। ‘तालीम की ताकत’ अभियान का मकसद मुसलमानों को एजुकेशन में एक्सीलेंस के लिए जागरूक करना है।

मुसलमान बिजनेसमैन कैसे आगे बढ़ें, दुकानदार कैसे बैंकिंग इंडस्ट्री का फायदा उठाएं, यह इस अभियान का हिस्सा है। मेरा अभियान बहुत कामयाब रहा है। लोगों में तालीम की भूख है।

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