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इमरान सरकार ने 700 आतंकी संगठनों के फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग की बात कबूली

इस्‍लामाबाद । इमरान सरकार ने यह दावा किया है कि वह 700 आतंकी वित्त पोषण संगठनाें और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सख्‍ती से काम कर रही है। पाकिस्‍तान सरकार ने सार्वजनिक तौर पर पहली बार आतंकी वित्त पोषण संगठनाें और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले को स्‍वीकार किया है। बुधवार को यहां मीडिया को संबोधित करते हुए आर्थिक मामलों के मंत्री मिनीमदर अजहर ने कहा कि उनकी सरकार का पूरा जोर इसको काबू पाने पर है। बता दें कि अजहर पिछले हफ्ते पेरिस स्थित एफएटीएफ की बैठक में देश के मुख्‍य वार्ताकार थे। इमरान के मंत्री ने डॉन न्‍यूज को बताया कि हमने पिछले छह महीनों से आतंकी वित्त पोषण और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों पर नकेल कसी है। उन्‍होंने कहा पाकिस्‍तान के इन प्रयासों को अंतरराष्‍ट्रीय जगत में सराहा भी गया है।

ब्‍लैक लिस्‍ट में हावौ से डरा पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान का यह बयान ऐसे समय आया है जब फाइनेंशियल एक्‍शन टास्‍क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाक को चेतावनी दी है कि वह फरवरी 2020 तक सुधार के सख्‍त कदम उठाए वरना उसे ब्‍लैक लिस्‍ट में डाला जा सकता है। बता दें कि एफएटीएफ के टेरर फंडिंग और मनी लॉडिंग के 27 मानकों में से 22 पर पाकिस्‍तान खरा नहीं उतर पाया है। इसके बाद एफएटीएफ ने कहा कि अगर पाकिस्‍तान फरवरी 2020 तक एक्‍शन प्‍लान पूरा नहीं करता तो उसे ब्‍लैक लिस्‍ट में डाला जा सकता है। इसके बाद से पाकिस्‍तान ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। इसी क्रम में पाकिस्‍तान सरकार का यह बयान सामने आया है। पाकिस्‍तान इसकी पूरजोर कोशिश कर रहा है कि जून 2020 को ग्रे लिस्‍ट से बाहर आने के लिए अपने लक्ष्‍यों को हासिल करने का प्रयास करेगा।

पाक को चीन, तुर्की और मलेशिया की कृपा

दअसल, 36 देशों वाले एफएटीएफ चार्टर के मुताबिक किसी भी देश को ब्‍लैक लिस्‍ट नहीं करने के लिए कम से कम तीन देशों के समर्थन की जरूरत होती है। पाकिस्‍तान फ‍िलहाल ग्रे लिस्‍ट में है। वह इससे बाहर आने की कोशिश में जुटा है। खास बात यह है कि इस काम के लिए अब उसके पास कुछ दिन ही शेष बचे हैं। एफएटीएफ ने मनी लॉड्रिंग और आतंकी एफएटीएफ ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई पूरी करने के लिए उसे अक्टूबर तक का समय दिया था। इससे पहले चीन, तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्‍तान के जरिए उठाए गए कदमों की सराहना की थी। वहीं भारत ने ब्‍लैक लिस्‍ट करने की सिफारिश की थी। भारत का कहना था कि इसने हाफ‍िज सईद को अपने फ्रीज खातों से धन निकालने की अनुमति दी है।

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