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इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने कहा- धोनी अब भी दुनिया के बेस्ट वनडे ‘फिनिशर’

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल अब भी विश्व कप विजेता पूर्व कप्तान को 50 ओवरों के प्रारूप में ‘सर्वश्रेष्ठ फिनिशर’ मानते हैं. धोनी को हाल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनकी मैच जिताऊ पारियों के लिए ‘मैन ऑफ द सीरीज’ चुना गया. इससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया में पहली वनडे सीरीज अपने नाम की. चैपल ने पूर्व भारतीय कप्तान की सूझबूझ और इतने लंबे समय तक खेलने के जज्बे को सलाम किया.

इस ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने कहा- धोनी अब भी दुनिया के बेस्ट वनडे 'फिनिशर'चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइंफो में अपने कॉलम में लिखा, ‘किसी के पास भी उनकी तरह मैच को फिनिश करके जीत दिलाने वाली सूझबूझ नहीं है. कई बार मैंने सोचा, ‘इस बार उन्होंने थोड़ा देर से शॉट लगाया’, लेकिन थोड़ी देर में हैरान हुआ कि उसने दो ताकतवर शॉट लगाकर भारत को रोमांचक जीत दिला दी.’

उन्होंने कहा, ‘वह बाहर से जिस तरह का शांत चित्त दिखते हैं, वह कोई भ्रम नहीं है, क्योंकि ऐसे हालात में वह जिस तरह से खुद को बदलते हैं, वह इस बात का सबूत है किउनका दिमाग ऐसी परिस्थिति में बेहतरीन ढंग से काम करता है.’ माइकल बेवन को खेल के महान सूत्रधारों में से एक माना जाता है, उनसे तुलना करते हुए चैपल ने कहा कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के छठे नंबर के इस बल्लेबाज को पीछे छोड़ दिया है.

उन्होंने लिखा, ‘बेवन मैच का अंत चौके से करते थे, लेकिन धोनी छक्के से करते हैं. जहां तक विकेटों के बीच में दौड़कर रन लेने की बात है तो आप निश्चित रूप से बेवन को सबसे पहले मानेंगे, लेकिन 37 साल की उम्र में भी धोनी खेल में सबसे तेज रन लेने वाले खिलाड़ियों में शामिल हैं.’

चैपल ने कहा, ‘बल्लों में सुधार की अनुमति देने और टी-20 क्रिकट में खेलने के फायदे से, आंकड़ों के हिसाब से धोनी बेवन से बेहतर हैं. इसमें कोई बहस नहीं हो सकती कि धोनी सर्वश्रेष्ठ वनडे फिनिशर हैं.’ पिछले कुछ समय में आलोचकों ने धोनी की धीमी पारियों की आलोचना की थी, लेकिन इस खिलाड़ी ने एडिलेड में गगनचुंबी छक्का जड़कर उन सभी को चुप कर दिया.

सर्वश्रेष्ठ वनडे बल्लेबाज की बहस के संबंध में चैपल को लगता है कि विराट कोहली महान खिलाड़ी विव रिचर्ड्स, सचिन तेंदुलकर और एबी डिविलियर्स को पीछे छोड़ देंगे और अपने करियर का अंत ‘एकदिवसीय मैचों के सर डोनाल्ड ब्रैडमैन’ के तौर पर करेंगे.

उन्होंने लिखा, ‘कोहली अपनी वनडे बल्लेबाजी के तरीके से मुझे रिचर्ड्स की याद दिलाते हैं, वह शानदार शॉट लगाते हैं और कई पारंपरिक स्ट्रोक्स पर निर्भर होते हैं. अगर वह इसी मौजूदा रन गति से खेलना जारी रखेंगे, तो वह तेंदुलकर के कुल शतकों को पार कर लेंगे और इस लिटिल माटर से करीब 20 शतक आगे रहेंगे.’

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