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ऐसे बन रहा Health Tonic, मजदूर बना रहे थे मल्टी विटामिन दवाएं

tonic-6_1444079845 (1)इदौर. एक बड़ा हॉल। किचन जैसा नजारा। सामान इधर-उधर बिखरा है। गैस चूल्हा चालू है और उस पर बड़े बर्तन में चाशनी जैसा कुछ उबल रहा है। पास में ही कुछ और मशीनें हैं। यह हेल्थ टॉनिक बनाने की फैक्टरी है। और हेल्थ टॉनिक तैयार कर रहे थे कुछ मजदूर। साेमवार को पुलिस ने जब एक मकान में छापा मारा तो ऐसा ही नजारा मिला।
 
फूड इंस्पेक्टर आर.आर.सोलंकी ने बताया रूपसिंह चौहान के पास फूड प्रोडक्ट बनाने का लाइसेंस है। ग्लूकोज पावडर और मल्टी विटामिन सिरप (माल्ट) के सेंपल लिए हैं। जांच के लिए राज्य लैब भेजे जाएंगे। ड्रग इंस्पेक्टर सारिका अग्रवाल ने बताया फैक्टरी से कैप्सूल के खोखे, दवाएं और खाली कार्टून मिले हैं। एक मशीन मिली है जिससे गोलियां पैकिंग करने की शंका है। फैक्टरी संचालक ने सप्लायर और फूड प्रोडक्ट मैन्युफेक्चरिंग लाइसेंस होने की जानकारी दी है। मंगलवार को पूछताछ के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। फैक्टरी को सील कर दिया है।
 
अप्रैल 2014 से चल रहा था काम- फैक्टरी रिकॉर्ड के अनुसार अप्रैल 2014 के पहले से दवाइयों की पैकिंग व हेल्थ टॉनिक बनाया जा रहा है। रोज 1300 से 2500 बॉक्स सप्लाई होते हैं। 8 श्रमिक व एक सुपरवाइजर है। कर्मचारियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगा है।
 
पड़ोसी से विवाद हुआ तब पुलिस को पता चला
 
फैक्टरी संचालक रूपसिंह का शनिवार को पड़ोसी से विवाद हो गया था। पड़ोसी ने दीनदयाल नगर थाने में सूचना दी कि धीरजशाह नगर स्थित एक मकान में दवाइयां बनाने का काम चल रहा है। जांच के बाद सोमवार को दीनदयाल नगर थाना प्रभारी एम.एल.पुरोहित मौके पर पहुंचे। एसपी अविनाश शर्मा ने एएसपी डॉ. प्रशांत चौबे के साथ खाद्य सुरक्षा निरीक्षक और ड्रग इंस्पेक्टर को कार्रवाई के लिए मौके पर भेजा।
 
ऐसे नहीं बनाते टॉनिक
 
जिला अस्पताल के डॉक्टर जीवन चौहान ने बताया हेल्थ टॉनिक ड्रग नहीं हैं परंतु इन्हें बनाने के मानक भी दवा बनाने जैसे ही हैं। किसी कमरे में तपेले में उन्हें नहीं बनाया जा सकता। निर्धारित मानक का पालन नहीं हुआ तो गुणवत्ता पर असर होगा। उपयोगी होने के बजाय शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
 
सबकुछ नियमानुसार ही है
 
फैक्टरी संचालक रूपसिंह चौहान ने बताया लाइसेंस कागज नहीं मिलने से गलतफहमी हुई। फैक्टरी में मल्टी विटामिन प्रोडक्ट बनता है। इसमें विटामिन व फ्लेवर का उपयोग होता है। ड्रग होलसेल व न्यूट्रासिटिकल फूड सप्लीमेंट मेन्युफैक्चरिंग लाइसेंस है। दवा की मार्केटिंग करते हैं और ऑर्डर पर दवा बनाते हैं। ऑर्डर पर फैक्टरी को पैकिंग के लिए दवाओं के रैपर और खोखे देना पड़ते हैं। फैक्टरी में वही रैपर और खोखे मिले हैं।
 

 

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