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कश्मीर हिंसा पर पूरा देश पीएम के साथ, कहा – मोदी जी घर में घुसकर मारो

indian-army (1)लखनऊ। कश्‍मीर में बीते कई दिनों से जो हालात बने हुए हैं उससे तो हर कोई वाकिफ है। आतंकी बुरहान वानी के एंकाउंटर के बाद कश्मीर हिंसा शुरू हुई थी। वहां हिंसा के चलते कई दिनों से कर्फ्यू लगा हुआ है। कश्मीर हिंसा को लेकर जहां एक तरफ सरकार गंभीर रुख इख्तियार किए है। वहीं, दूसरी तरफ देश की जनता भी चिंतित है।
कश्मीर हिंसा को फायदा उठाना चाहता है पाकिस्तान

कश्‍मीर के अलगाववादी नेता और पाकिस्‍तान यहां के लोगों को लगातार भड़का रहा है। भारत में विपक्ष से लेकर पड़ोसी मुल्‍क पाकिस्‍तान तक ने घाटी में सेना की ओर से की गई कार्रवाई सवाल खड़े किए हैं। इसी को लेकर देश में एक ऑनलाइन सर्वे कराया गया जिसमें देश की राय जाननी चाही।

जम्‍मू कश्‍मीर पर सेना के साथ आया देश

इस ऑनलाइन सर्वे में देश से सवाल किया था कि जम्मू कश्मीर से सशस्त्र सेना विशेषाधिकार हटा देना चाहिए? इस सवाल पर देश की जनता ने स्‍पष्‍ट रूप से अपना मत रखा है। देश का मानना है कि जम्‍मू कश्‍मीर में सशस्‍त्र सेना विशेषाधिकार हमेशा लागू रहना चाहिए। 73 प्रतिशत लोगों ने घाटी में लागू सेना के इस विशेषाधिकार का समर्थन किया है। वहीं 27 प्रतिशत लोग इसे हटा देने के पक्ष में खड़े हैं।

बता दें कि आज शोपियां में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को फायरिंग करनी पड़ी। इसमें तीन लोग घायल हो गए। इस बीच हुर्रियत ने बंद की तिथि पांच अगस्त तक बढ़ा दी है। पहले 31 जुलाई तक बंद का एलान किया गया था।

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