अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा चलित ड्रोन

बीजिंग (ईएमएस)। चीन शीघ्र ही सौर ऊर्जा से संचालित ड्रोन का परीक्षण करने जा रहा है। तकनीकी विकास के मामले चीन अब कई विकसित देशों को पीछे छोड़ रहा है। चीन ने विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सोलर ड्रोन बनाकर अपनी तकनीकी क्षमता का परिचय दिया है। वह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत तेजी से आत्मनिर्भर बन रहा है।

चीन का यह नव निर्मित सोलर ड्रोन अब जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े सोलर ड्रोन की सूची में दूसरे पायदान आ जाएगा। चीन के एकेडमी ऑफ एयरोस्पेस एयरोडायनेमिक (सीएएए) के ड्रोन प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर शी वेन ने इस नए ड्रोन के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस सोलर ड्रोन के पंखों की लंबाई 40 मीटर से भी ज्यादा है। यह लंबाई चीन के प्रसिद्ध यात्री विमान बोइंग 737 से भी अधिक है। बोइंग के पंखों की कुल लंबाई 34 मीटर है, यानी सोलर ड्रोन के पंख बोइंग के पंखों से 6 मीटर ज्यादा लंबे हैं। यह नव निर्मित सोलर ड्रोन अब जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े सोलर ड्रोन की सूची में दूसरे पायदान आ जाएगा।

चीन के एकेडमी ऑफ एयरोस्पेस एयरोडायनेमिक (सीएएए) के ड्रोन प्रोजेक्ट चीफ इंजीनियर शी वेन ने इस नए ड्रोन के बारे में जानकारी दी है। शी वेन ने बताया कि इस सोलर ड्रोन के पंखों की लंबाई 40 मीटर से भी अधिक है। यह लंबाई चीन के प्रसिद्ध यात्री विमान बोइंग 737 से भी अधिक है। के पंखों की कुल लंबाई 34 मीटर है, यानी सोलर ड्रोन के पंख बोइंग के पंखों से 6 मीटर ज्यादा लंबे हैं। साल 2020 तक चीनी सेना को दिया जाएगा ड्रोन चीन द्वारा निर्मित सोलर ड्रोन अत्यधिक ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ने में सक्षम है। वैसे तो इस तरह के ड्रोन 20 से 30 किमी की सीमित ऊंचाई तक ही पहुंचने में सक्षम होते हैं, लेकिन यह ड्रोन सामान्य से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ सकता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह 150 से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है।

सोलर ड्रोन का उपयोग आपदा, मौसम की निगरानी और संचार के लिए किया जा सकता है। चीन का यह ड्रोन 2020 तक देश की सेना को सौंप दिया जाएगा।चीन द्वारा निर्मित सोलर ड्रोन अत्यधिक ऊंचाई पर लंबे समय तक उड़ने में सक्षम है। वैसे तो इस तरह के ड्रोन 20 से 30 किमी की सीमित ऊंचाई तक ही पहुंचने में सक्षम होते हैं, लेकिन यह ड्रोन सामान्य से अधिकऊंचाई पर उड़ सकता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह 150 से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकता है। सोलर ड्रोन का उपयोग आपदा, मौसम की निगरानी और संचार के लिए किया जा सकता है। चीन का यह ड्रोन 2020 तक देश की सेना के काम आ सकेगा।

दुनिया के सबसे बड़े सोलर ड्रोन रखने का खिताब अमेरिकी एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के पास है। नासा के इस विशालकाय ड्रोन का नाम ‘हीलियस’ है। हीलियस के पंखों की कुल लंबाई 75 मीटर से भी ज्यादा है। इसे डिजाइन करने वाले वैज्ञानिकों ने इसमें 14 इंजन लगाए हैं। डिजाइन और क्षमता के मामले में हीलियस को दुनिया का सबसे बेहतर सोलर ड्रोन माना जाता है। यह ड्रोन आकाश में 30हजार हजार मीटर की ऊंचाई पर लगातार 24 घंटे उड़ान भर सकता है।
सुशील/ईएमएस 18 फरवरी 2017

Related Articles

Back to top button