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चुनाव आयोग का चला डंडा, हटाए गए कई जिलों के एसपी-डीएम

चुनाव आयोग ने शुक्रवार को प्रदेश के कई जिलों के अधिकारियों का तबादला किया हैं. आयोग ने आबकारी आयुक्त भवनाथ को हटाकर उनकी जगह पर मृत्युंजय नारायण को तानीत किया है. इसके अलावा सोनभद्र, बहराइच, कन्नौज और देवरिया के डीएम को भी हटा दिया गया है.

वहीं चुनाव आयोग ने असीम अरुण को बनारस और विजय प्रकाश बरेली का आईजी ज़ोन बनाया है. आयोग ने गाज़ीपुर और हरदोई के एसपी को भी हटा दिया है. चुनाव आयोग की ओर से आज किए गए तबादलों में आईजी बरेली विजय सिंह मीना को हटाकर विजय प्रकाश को बरेली ज़ोन का आईजी बनाया है. आईजी वाराणसी सुवेन्द्र कुमार भगत को हटाकर उनका चार्ज असीम कुमार अरुण को दे दिया है.

गोरखपुर रेंज के डीआईजी शिव सागर सिंह को हटाकर नीलाब्जा चौधरी को उनकी जगह तैनात कर दिया है. आजमगढ़ रेंज के डीआईजी धरमवीर को हटाकर उदय शंकर जायसवाल को आजमगढ़ रेंज का ज़िम्मा सौंप दिया है.

चुनाव आयोग ने बहराइच के डीएम अभय को हटाकर अजय दीप सिंह को तैनात किया है. डीएम कन्नौज अशोक चन्द्रा को हटाकर जय प्रकाश सागर को कन्नौज भेजा है. डीएम देवरिया श्रीमती अनीता श्रीवास्तव को हटाकर अबरार अहमद को देवरिया का डीएम बनाया है. डीएम सोनभद्र चन्द्र भूषण सिंह को हटाकर प्रमोद कुमार उपाध्याय को सोनभद्र का डीएम बनाया है.

चुनाव आयोग ने कुछ पुलिस अधीक्षकों को भी ट्रांसफर किया है. एसपी हरदोई राजीव मल्होत्रा को हटाकर चन्द्रप्रकाश को हरदोई का एसपी बनाया गया है. एसपी गाजीपुर अरविन्द सेन को हटाकर सुभाष चन्द्र दुबे को गाजीपुर भेजा है.

एसपी फतेहपुर बलिकरण सिंह यादव को हटाकर उमेश कुमार सिंह को फतेहपुर का एसपी बनाया गया है. एसपी जालौन डॉ. राकेश सिंह को हटाकर स्वप्निल माम्गिन को जालौन का एसपी बनाया गया है.एसपी पीलीभीत सभाराज को हटाकर देव रंजन वर्मा को पीलीभीत भेजा गया है. एसपी बहराइच सालिग राम वर्मा को हटाकर डॉ. मनोज कुमार को बहराइच का एसपी बनाया गया है.

यूपी में सात चरणों में वोटिंग

उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी से 8 मार्च के बीच सात चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के अखिलेश धड़े के बीच गठबंधन के बावजूद बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.

केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद जिस तरह से बीजेपी को दिल्ली और बिहार में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है, वैसे में उत्तर प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.

मुख्यमंत्री चेहरे को सामने न लाकर एक बार फिर बीजेपी ने पीएम मोदी के चेहरे पर दांव खेला है. इसका कितना फायदा उसे इन चुनावों में मिलेगा वह 11 मार्च को सामने आ ही जाएगा.

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