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छतरपुर में नदी में फंसे लोग, बुरहानपुर में मंदिर डूबे, ताप्ती खतरे के निशान के करीब

भोपाल/बुरहानपुर: मध्य प्रदेश में भारी बारिश ने कई जगह आफत मचा दी है. प्रदेश के बुरहानपुर, विदिशा और छतरपुर सहित कई जिलों में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कुछ जिलों में नदियां उफान पर हैं, तो कहीं मंदिर डूब गए. कई जगह मकान गिरने की भी खबर है. शुक्रवार को राजधानी भोपाल की सुबह भी तेज बारिश के साथ हुई.

बता दें, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में गुरुवार शाम ताप्ती नदी पर अचानक जलस्तर बढ़ने से हलचल मच गई. लोग बड़ी संख्या में नदी के बढ़ते जलस्तर को देखने के लिए जमा होने लगे. जलस्तर इतना बढ़ गया कि ताप्ती नदी के घाटों पर स्थित मंदिर जलमग्न हो गए. हालांकि, बुरहानपुर में अच्छी बारिश नहीं हो रही है. लेकिन, बैतुल में हो रही भारी बारिश के चलते ताप्ती नदी का जलस्तर बढ़ गया है.

पानी के खतरे के निशान के करीब पहुंचने पर जिला प्रशासन अलर्ट हो गया. पुलिस प्रशासन ने राजघाट पर ताप्ती नदी को देख रहे लोगों हटाया और घर लौटने को कहा. जल आयोग के अनुसार 220.800 मीटर जलस्तर पहुंचने पर इसे खतरे का निशान माना जाता है. इस वक्त ताप्ती 218 मीटर पर बह रही है. पानी का लेवल बढ़ते ही जिला प्रशासन आपदा प्रबंधन अलर्ट हो गया है. जिला प्रशासन ने नीचली बस्ती में सावधान रहने के लिए मुनादी शुरू कर दी है और राहत कैंप भी चिन्हित कर लिए हैं.

इधर, छतरपुर की कूटने नदी में अचानक आई बाढ़ में दो लोग फंस गए. मछली पकड़ने गए दोनों युवकों को राजनगर थाना प्रभारी ने जान जोखिम में डालकर रेस्क्यू किया. बारिश की वजह से अचानक पानी का स्तर बढ़ गया था. जब रेस्क्यू टीम के आने में देर होने लगी तो थाना प्रभारी खुद ही फंसे युवकों की जान बचाने में जुट गए.

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है. गुरुवार रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश शुक्रवार सुबह मूसलाधार बारिश में तब्दील हो गई. सुबह करीब 7:00 बजे से तेज बारिश का जो दौर शुरू हुआ वह काफी देर तक चलता रहा. तेज बारिश की वजह से जहां लोगों ने बीते करीब 15 दिनों से पड़ रही तेज गर्मी से राहत की सांस ली, वहीं दूसरी तरफ जलभराव से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा.

तेज बारिश की वजह से राजधानी के कई प्रमुख चौराहे पानी से लबालब हो गए. दूसरी तरफ निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों को सुबह-सुबह उठकर घरों से पानी बाहर निकलना पड़ा. हालांकि, नगर निगम ने बारिश से पहले नदी-नालों के सफाई का दावा किया था लेकिन यह दावे मानसून की पहली ही तेज बारिश में हवा हो गए.

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