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‘जाके पाँव न फटी बिवाई वह क्या जाने पीर पराई’ : मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने राजधानी लखनऊ में कई योजनाओं का शिलान्यास किया, इस दौरान भावुक होकर नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैंने गरीबी नजदीक से देखा है, इसलिये गरीबों का दर्द समझता हूं।
लखनऊ : राजधानी में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरी विकास योजनाओं के सहारे न सिर्फ सरकार की उपलब्धियों गिनाईं, बल्कि उन्हीं को अस्त्र बनाते हुए विपक्ष के आरोपों का करारा जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि मुझ पर आजकल इल्जाम लगाया जाता है कि मैैं चौकीदार नहीं भागीदार हूं। मैैं इस आरोप को अपने लिए इल्जाम नहीं इनाम मानता हूं। हां, मैैं भागीदार हूं, मैैं देश के गरीबों के दुख का भागीदार हूं। मैं भागीदार हूं उस मां की पीड़ा का, जो चूल्हे के धुएं में आंखें खराब करती है। मैं भागीदार हूं उस किसान के दर्द का जिसकी फसल सूखे या पाले में बर्बाद हो जाती है। मैं भागीदार हूं उस कोशिश का जो गरीबों को छत दे रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी और अमृत योजना की तीसरी वर्षगांठ पर यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह में मोदी ने इन योजनाओं को शहरों के विकास के मूलमंत्र की संज्ञा दी। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 60426 लाभार्थियों के खाते में 606.85 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने और लाभार्थी महिलाओं से संवाद के बाद भावुक हुए मोदी ने आगे कहा, गरीबी ने मुझे ईमानदारी व हिम्मत दी है। मैैं गरीब मां का बेटा हूं। हमारे यहां एक कहावत है कि ‘जाके पाँव न फटी बिवाई वह क्या जाने पीर पराई’। मैैंने गरीबी का दुख-दर्द नजदीक से देखा है इसलिए उनकी पीड़ा को जानता हूं। राहुल गांधी और अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उन्होंने बात आगे बढ़ाई कि जिसने भोगा है, वही तकलीफ भी जानता है। इसलिए मैैं जमीन से जुड़ा समाधान भी जानता हूं।

मोदी ने कहा कि भागीदारी को अपमानित करने वालों की यही सोच शहरों की समस्या की जड़ है। वहां की समस्याओं में ऐसी ही सोच की बू आती है। राजनीतिक इच्छाशक्ति में कमी ने इस देश का बहुत नुकसान किया है। जब जनसंख्या का दबाव कम था, तब काम नहीं किया गया। सत्ता में बैठे लोगों ने शहरों को बेतरतीब फैलने दिया और कंक्रीट के जंगल बसते गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार आजादी के 75वीं सालगिरह यानि 2022 तक हर सिर पर छत देने के प्रयास कर रही है। तीन सालों में 54 लाख मकान लोगों को दिए गए हैैं। गांवों में एक करोड़ से अधिक मकान दिए गए। इसमें शौचालय, बिजली सब कुछ है। ये आवास महिलाओं के सशक्तीकरण का भी जीता-जागता सुबूत हैैं। 87 लाख मकानों की रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई है। अब गली से गुजरने वाले पूछेंगे कि इस मकान की मालकिन कौन हैै? यह बदलाव समाज की सोच के साथ आने वाला है। प्रधानमंत्री ने पूर्व की सपा सरकार को भी घेरा कि आवास योजना में उसने घोर उपेक्षा दिखाई थी। हमें ही बार-बार आग्रह करने पड़ता था लेकिन, वह अपनी कार्य परंपरा को छोडऩे को तैयार नहीं थे। उनके पास वन प्वाइंट प्रोग्राम था अपने बंगले को सजाना संवारना। इससे फुर्सत मिलती तो वह गरीबों की ओर ध्यान देते। मोदी ने कहा कि स्मार्ट सिटी एक प्रोजेक्ट नहीं मिशन है। शरीर नया हो, आत्मा वही हो, इसी तर्ज पर शहरों के विकास के लिए यह मिशन शुरू किया गया है। इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर स्मार्ट सिटी की आत्मा है। 11 शहरों में यह काम कर रहे हैैं। इन सेंटरों की वजह से अपराधों में तो कमी आई ही है, गंदगी भी रुकी है। बहुत जल्द ही यूपी के लखनऊ, आगरा, इलाहाबाद, मथुरा जैसे शहरों में यह कमांड सेंटर होंगे।

इससे पहले केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप पुरी ने कहा कि हमें अगर गरीबी दूर करनी है तो शहरी विकास मिशन के तहत ही दूर कर सकते हैं। सबसे ज्यादा टैक्स और अन्य कलेक्शन शहरी क्षेत्र से ही होता है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शुरू की गई तीनों योजनाओं की वर्षगांठ आज है जिसे विकास पर्व कहा जा सकता है। पीएम की कोशिशों का ही नतीजा है कि जो भारत कभी अर्थव्यवस्था की लिस्ट में नौवें नंबर था, वह आज वो टॉप 6 में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं को प्रदेश में पूरी प्रतिबद्धता से लागू किया गया। इसी वजह से नगरीय क्षेत्रों की आय 18 प्रतिशत से 28 प्रतिशत पहुंच गई है। इससे पहले मोदी ने राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना, स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के संबंध में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने 3897 करोड़ की 99 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया। वह 37 राज्यों से आए प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से भी मिले और उनसे बातचीत की। प्रदेश के पांच जिलों गोरखपुर, आगरा, वाराणसी, झांसी और लखनऊ में आवास के लाभार्थियों से उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग से संवाद किया। मंच पर उनके साथ दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा, शहरी विकास मंत्री सुरेश खन्ना, राज्यमंत्री गिरीश कुमार यादव, केंद्रीय सचिव दुर्गा शंकर मिश्र व मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पांडेय भी मौजूद रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अटलजी ने लखनऊ को सुधार की प्रयोगशाला बनाया। अटलजी कहते थे, बिना पुराने को संवारे नया भी नहीं संवरेगा। यह बात उन्होंने नए व पुराने लखनऊ के बारे में कही थीं। अमृत योजना जिसमें अटल जी का नाम जुड़ा है, उनकी इसी सोच के साथ आगे बढ़ रही है।

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