जाट आरक्षण पर हरियाणा में फिर टकराव की नौबत, जाट नेता भड़के
एजेंसी/ नई दिल्ली। जाट आरक्षण पर हरियाणा में एक बार फिर से टकराव की स्थिति बन गई है। पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने आरक्षण के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार के जाटों को आरक्षण देने के नोटिफिकेशन पर मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई तक रोक लगा दी तो इससे जाट नेता भड़क गए हैं।
जाटों का कहना है कि हरियाणा सरकार ने उनके साथ धोखा किया है और अगर सरकार जाटों को शेड्यूल 9 की कैटिगरी में आरक्षण देती तो फिर जाट आरक्षण को कोर्ट में कोई चैलेंज नहीं कर सकता था। जाटों ने एक बार फिर से 5 जून से आंदोलन की चेतावनी दे दी है। सोनीपत में जाट प्रतिनिधियों ने की प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि जाट आरक्षण के लिए शांतिपूर्वक रूप से आंदोलन करेंगे। रेलवे ट्रैक, सड़कें और नहरों का पानी नहीं रोका जाएगा लेकिन सरकार बार-बार उन्हें सड़क पर ना उतरने के लिये चेतावनी दे कर धमकाएं नहीं।
जाट आरक्षण के नोटिफिकेशन पर हाइकोर्ट से लगी रोक के बाद कई जाट संगठनों ने हरियाणा सरकार को घेरते हुए सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझ कर जाटों के आरक्षण को कानूनी झमेले में फंसाना चाहती है और कई जाट संगठनों ने 5 जून से राज्यव्यापी आंदोलन शुरु करने की बात कही है। लेकिन सरकार को जाटों के बड़े संगठन जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बड़े नेता हवा सिंह सांगवान ने थोड़ी राहत दी है। हवा सिंह सांगवान ने कहा कि उनका संगठन 5 जून को सड़क पर नहीं उतरेगा बल्कि कानून के दायरे में जाट आरक्षण पर लगी रोक को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ेगा। सांगवान ने कहा कि अभी सड़क पर उतरने का नहीं बल्कि अदालत के अंदर कानूनी लड़ाई लड़ने का वक्त है।
हवा सिंह सांगवान ने जाटों को नसीहत दी कि वो कानून के रास्ते से पहले इस समस्या का हल निकालने की सोचे और फिर सड़क पर उतरने की बात कहे। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता हवा सिंह सांगवान ने पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट में एप्लिकेशन लगा कर आरक्षण पर लगी रोक हटाने और उनकी बात भी सुनने की गुहार लगाई है। सांगवान ने कहा कि अभी एडमिशन का वक्त चल रहा है और ऐसे में आरक्षण के नोटिफिकेशन पर रोक लगने से जाटों के बच्चों को काफी नुकसान होगा और कल सुप्रीम कोर्ट में भी उनका संगठन जाट आरक्षण संघर्ष समिति हाइकोर्ट के स्टे को हटाने की मांग को लेकर याचिका दाखिल करेगा।