जिन व्यक्तियों के हाथ में होती है ये रेखा, वो विदेश की यात्रा जरूर करते है
कुछ लोग होते हैं जो देश-दुनिया की खूब यात्रा करते हैं, लेकिन अनेक चाहकर भी घर से नहीं निकल पाते। हस्तरेखा विज्ञान की दृष्टि से देखें तो हाथ में यात्राओं के बारे में सूचना मिलती है। यदि किसी व्यक्ति के हाथ में चंद्र पर्वत से निकलकर जब कोई रेखा भाग्य रेखा को काटती हुई जीवन रेखा में जाकर मिले तो ऐसा व्यक्ति दुनियाभर के देशों की यात्रा करता है। यदि जीवन रेखा स्वतः घूमकर चंद्र पर्वत पर पहुंचे तो वह जातक अनेक दूरस्थ देशों की यात्राएं करता है। ऐसे व्यक्ति की मृत्यु भी जन्मस्थान से कहीं बहुत दूर किसी दूसरे देश में ही होती है।
मणिबंध से निकलकर कोई रेखा यदि मंगल पर्वत की ओर जाए तो ऐस व्यक्ति जीवन में समुद्री विदेश यात्राएं करता है। हस्तरेखा विज्ञान की दृष्टि से प्रथम मणिबंध से ऊपर उठकर चंद्र पर्वत पहुंचने वाली रेखाएं सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती हैं। इससे यात्रा सफल और लाभप्रद होती हैं। यदि चंद्र पर्वत से उठने वाली आड़ी रेखाएं चंद्र पर्वत को ही पार करती हुई भाग्य रेखा में मिल जाएं तो दूरस्थ देशों की महत्वपूर्ण एवं फलदायी यात्राएं होती हैं।
यदि किसी व्यक्ति के दाएं हाथ में तो विदेश यात्रा रेखा हो, लेकिन बाएं हाथ में रेखा न हो अथवा रेखा के प्रारंभ में कोई क्रास या द्वीप हो तो विदेश यात्रा में कोई न कोई बाधा उत्पन्न हो जाती है। अथवा व्यक्ति स्वयं ही उत्साहहीन होकर विदेश यात्रा को रद्द कर देता। यदि यात्रा रेखाएं टूटी-फूटी अथवा अस्पष्ट हो तो यात्रा का सिर्फ योग ही घटित होकर रह जाता है।