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जियो से साझेदारी,भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता हैं: मार्क जुकरबर्ग

विवेक ओझा

नई दिल्ली: 21 अप्रैल को फेसबुक ने इंडियन इंटरनेट के विशाल वट वृक्ष जियो में अब तक का सबसे बड़ा एकल निवेश ( 5.7 बिलियन डॉलर ) किया है । यह सोशल नेटवर्किंग साइट विकासशील बाजार में अपनी मजबूती का कोई भी अवसर छोड़ना नहीं चाहती और छोड़े भी क्यूं जब उसे पता है कि लाखों भारतीय लगातार ऑनलाइन जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं । व्यवसाय वाणिज्य से लेकर शिक्षा , स्वास्थ्य तक सोशल मीडिया और जियो की सुविधाओं पर लोगों की निर्भरता लगातार बढ़ती जा रही है । वास्तव में यह एक सीमा रहित विश्व और वैश्विक ग्राम की धारणा के साकार होने की परिणति जैसा है ।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी को भी प्रकाशित किया है । जुकरबर्ग का कहना था कि यह देश ( भारत ) डिजिटल रूपांतरण के मध्य खड़ा है और जियो जैसे संगठन लाखों भारतीय लोगों और लघु व्यवसायों को ऑनलाइन लाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । गौरतलब है कि जुकरबर्ग के इस 5.7 बिलियन डॉलर के निवेश से जियो प्लेटफॉर्म में फेसबुक को 9.99 प्रतिशत भागीदारी मिल जाएगी । इस बात की पुष्टि जियो ने भी अपने एक वक्तव्य में की है।

वहीं फेसबुक ने कहा है कि उसका यह कदम भारत की तरफ उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। फेसबुक ने यह भी कहा है कि पिछले 4 वर्षों में जिओ के जरिए भारत में 388 मिलियन से अधिक लोग इंटरनेट से जुड़े हैं। जुकरबर्ग ने यह भी कहा है कि पूरी दुनिया जबकि इस समय लॉकडाउन में है , ऐसे में भारत सहित दुनिया भर के उद्यमियों को डिजिटल टूल्स की जरूरत है जिससे वे अपने ग्राहकों से संपर्क स्थापित कर सकें और साथ ही अपना व्यवसाय भी बढ़ा सकें ।

फेसबुक जियो के साथ बड़ी संभावनाओं को देखता है । फेसबुक के लिए भारत बड़ा बाजार है । न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से स्पष्ट किया गया है कि भारत में 400 मिलियन से अधिक लोग व्हाट्स ऐप का इस्तेमाल करते हैं और इस ग्लोबल मैसेजिंग सर्विस के दायरे को बढ़ाने के लिए फेसबुक उत्सुक है ।

फेसबुक के चीफ़ रेवेन्यू ऑफिसर डेविड फिशर और भारत में फेसबुक के प्रबंध निदेशक अजीत मोहन द्वारा जारी किए गए एक वक्तव्य में कहा गया है कि जिओ मार्ट , जियो के स्मॉल बिजनेस इनिशिएटिव को व्हाट्स ऐप के साथ लाकर , हम लोगों को व्यवसायों से कनेक्ट करने में, उत्पादों को मुक्त रूप से खरीदने में समर्थ और सक्षम बना सकते हैं।

अजीत मोहन ने रिलायंस के एक शीर्ष कार्यकारी को दिए साक्षत्कार में कहा कि भारत में 10 मिलियन से अधिक लघु व्यवसाय संचार माध्यम के रूप में पहले से ही व्हाट्स ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं ।

फेसबुक भारतीय डिजिटल बाजार से जुड़ने के लिए इससे पहले भी कोशिश करता रहा है। इसने पूर्व में फ्री बेसिक्स प्रोग्राम के तहत भारतीय यूजर्स को फ्री इंटरनेट कनेक्टिविटी देने का प्रस्ताव किया था। लेकिन ये ठंडे बस्ते में चला गया और 2016 में इस पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया गया था। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इस पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि फेसबुक जैसे नेटवर्कों के सभी ऐसे जीरो रेटिंग प्लान्स जो दूरसंचार ग्राहकों को साइट्स के केवल कुछ सीमित सेवाओं के उपभोग की सुविधा देने की मंशा रखते हैं वो नेट न्यूट्रैलिटी का उल्लंघन करते हैं , अतः उन पर प्रतिबंध लगाना ठीक रहेगा ।

फेसबुक द्वारा इस 5.7 बिलियन डॉलर के निवेश के संदर्भ में सिस्को के एक रिपोर्ट का उल्लेख करना भी यहां समीचीन होगा ।

सिस्को ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2023 तक भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 907 मिलियन यानी करीब 90.7 करोड़ हो जाएगी जो कि देश की आबादी का 64 फीसदी है। वहीं करीब 50 करोड़ फिलहाल इंटरनेट इस्तेमाल कर रहे हैं। साल 2018 में भारत में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 763 मिलियन यानी 76.3 करोड़ थी जो कि 2023 तक 90 करोड़ के पार पहुंचने वाली है। इसका दावा सिस्को ने अपनी सिस्को एनुअल इंटरनेट रिपोर्ट 2018-2023 में की है। इंटरनेट यूजर्स की इस संख्या में 38 फीसदी मोबाइल और 12 फीसदी टीवी यूजर्स शामिल हैं।

(लेखक अंतराष्ट्रीय मामलो के विशेषज्ञ हैं।)

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