उत्तर प्रदेशराज्य

जेई ने राज्यपाल से मांगी आत्महत्या की इजाज़त, वजह जान चौंक जाएंगे आप

लखनऊ: जिंदगी भर नौकरी में खुद कभी रिश्वत नहीं ली। रिटायर हुए तो अपना ही पैसा पाने के लिए रिश्वत के लिए दबाव बनाया गया। न देने पर पांच माह तक मुरादाबाद से बरेली तक ट्रेजरी दफ्तर तक चक्कर कटवाया गया। तंग आकर रिटायर्ड जेई महेश चंद्र ने राज्यपाल को खत लिखा। इसमें कहा कि जायज पैसा पाने के लिए ट्रेजरी वालों की नाजायज मांग पूरी नहीं कर सकता इसलिए, मुझे आत्महत्या की इजाजत दे दी जाए। मामले में अधिकारियों की गर्दन फंसी तो दूसरे दिन ही ट्रेजरी ने उनका भुगतान कर दिया।

ये भी पढ़ें: अभी-अभी : सोनिया गांधी ने खाया जहर, हॉस्पिटल में हुई मौत… मचा हडकंप

जेई ने राज्यपाल से मांगी आत्महत्या की इजाज़त, वजह जान चौंक जाएंगे आपलोकनिर्माण राजमार्ग खंड मुरादाबाद से 31 दिसंबर 2016 को रिटायर हुए महेश चंद्र उन लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं, जो सिस्टम की खराबी से लड़ने के बजाय आत्मसर्पण करके उसे बढ़ावा दे रहे हैं। अपने जायज काम के बदले रिश्वत देने से गुरेज नहीं करते। महेश चंद्र बताते हैं कि पेंशन प्रपत्र में आहरण वितरण अधिकारी ने जानबूझकर ऑनलाइन गलती कर दी। बाद में अपर निदेशक कोषागार एवं पेंशन मुरादाबाद मंडल ने संशोधन किया।

ये भी पढ़ें: 500 और 2000 रुपए के नोटों के बाद अब आएगा एक और नया नोट

पेंशन बरेली कोषागार से लेने का विकल्प भरा था। बरेली आकर कोषागार सहायक सत्येंद्र वीर से मिला। एक सप्ताह में भुगतान का आश्वासन मिला। भुगतान नहीं मिला तो फिर उनके पास गया। नई कमी निकालकर कह दिया कि आपका पीपीओ अथोराइजेशन ऑनलाइन नहीं है। सर्वर मैच नहीं कर रहा। यह सब किया इसलिए गया, क्योंकि पेंशन मंजूर करने में 50 हजार से एक लाख तक कि रिश्वत चलती है।

रिटायर्ड जेई ने राज्यपाल को अवगत कराया कि पांच माह से परेशान होकर थक गए हैं। उन्होंने राज्यपाल से आत्मदाह मांगी। राज्यपाल कार्यालय ने डीएम से जवाब मांगा। अधिकारियों ने खुद को फंसता देखा तो दूसरे दिन ही 42 लाख का भुगतान हो गया।

 

Related Articles

Back to top button