स्वास्थ्य

डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान हैं ये मीठी पत्तियां, इनकी मिठास के आगे फीका है शहद

दस्तक टाइम्स/एजेंसी: stevia-leaf-5636e0e1ab043_lये है स्टीविया। जिसे मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। एंटीबायोटिक और एंटीवायरल होती हैं। शहद और गन्ने से भी मीठी स्टीविया डायबिटीज भी कंट्रोल करती है। आइए जानें किस तरह स्टीविया मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी को कंट्रोल करती है…

स्टीविया चबाने से मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी पर कंट्रोल करना संभव है। स्टीविया एक आयुर्वेदिक पौधा है, जो शहद और गन्ने से ज्यादा मीठा होता है, लेकिन यह पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। स्टीविया को आयुर्वेदिक चीनी भी कहा जाता है। स्टीविया पैंक्रियाज से इंसुलिन को छोडऩे में बहुत सहायक होता है।
स्टीविया चबाने से मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी पर कंट्रोल करना संभव है। स्टीविया एक आयुर्वेदिक पौधा है, जो शहद और गन्ने से ज्यादा मीठा होता है, लेकिन यह पौधा मधुमेह रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। स्टीविया को आयुर्वेदिक चीनी भी कहा जाता है। स्टीविया पैंक्रियाज से इंसुलिन को छोडऩे में बहुत सहायक होता है।

 

गन्ने से तीन सौ गुणा अधिक मीठा होने के बावजूद स्टीविया पौधे फैट व शुगर से फ्री है। खाना खाने से बीस मिनट पहले स्टीविया की पत्तियों का सेवन अत्यधिक फायदेमंद होता है। यह पौधा घर में भी लगाया जा सकता है। एक बार लगाया गया पौधा पांच वर्ष तक प्रयोग में लाया जा सकता है। स्टीविया न केवल शुगर बल्कि ब्लड प्रेशर,  दांतों, वजन कम करने, गैस, पेट की जलन, दिल की बीमारी, चमड़ी रोग और चेहरे की झुर्रियों की बीमारी में भी कामगार है।इसकी 4-5 पत्तियां खाने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने, गठिया, पेशाब में जलन, हेपेटाइटिस, पेट का अल्सर, थकान, तनाव, उल्टी, दस्त, भोजन में अरुचि, हिचकी, सर्दी-जुकाम, पेट संबंधी रोग और डायबिटीज में लाभ होता है।

 

इसे वन तुलसी (तुलसा) या नियाजबो भी कहते हैं। यह हरे रंग का पौधा होता है और इसकी पत्तियां आकार में अन्य तुलसी की पत्तियों से काफी बड़ी व हरे रंग की होती हैं। इसके फूल गुच्छों में लगते हैं जो सुगंधित व हरे बैंगनी रंग के होते हैं। इसे प्रयोग करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. निलोफर खान का कहना है कि मीठी तुलसी की सुगंध से डेंगू के मच्छर दूर भागते हैं। ज्यादा सर्दी के मौसम में तुलसी की पत्तियां सूखकर झड़ जाती हैं और बसंत का मौसम आने पर नई आती हैं। इसलिए मीठी तुलसी की ताजी पत्तियों को सुखाकर रख लें। सर्दियों में इनके इस्तेमाल से सेहत में लाभ होता है। पत्तियों  की चटनी भी बना सकते हैं।

 

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