जीवनशैली

डिजिटल डिटॉक्स: बेहतर रिश्तों के लिए जरूरी है खुद को अनप्लग करना!

love-digital-istock_650x400_51443765441दस्तक टाइम्स एजेंसी/ साल 2016 के आगाज के साथ ही ‘डिजिटल डिटॉक्स’ चर्चा में है। कई लोगों ने बाकायदा फेसबुक, ट्विटर पर ऐलान किया कि बतौर न्यू ईयर रिजॉल्यूशन साल में बीच बीच में वो खुद को डिजिटली डिटॉक्स करते रहेंगे।
 
डिजिटल डिटॉक्स का मतलब है खुद को डिजिटल दुनिया से दूर करना। लोग खुद को कुछ घंटों,दिनों या महीनों तक अपने स्मार्टफोन और इंटरनेट से दूरी बनाने का टारगेट सेट करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जिस तरह शराब,सिगरेट की लत लगती है, लोगों को उसी तरह ‘वर्चुअल वर्ल्ड’ में भी रहने की आदत हो जाती है। वो चाहकर भी इससे निकल नहीं पाते। ऐसे में जरूर है कि वो डिजिटल डिटॉक्स के फॉर्मूले को ट्राई करें।

रात को सोने से पहले हम ये जरूर देखते हैं कि फेसबुक पर क्या चल रहा है,पोस्ट्स को कितने लाइक और कमेंट्स मिले। वॉट्सएप पर दिनभर चैटिंग होती रहती है। लेकिन दिन खत्म करने से पहले बगल के कमरे में दादा-दादी से गप करते वक्त हमें नींद आने लगती है। पढ़ाई,दफ्तर और घर के कामकाज से जो थोड़ा बहुत वक्त मिलता है उसे हम अपनों के साथ नहीं बिताएंगे तो उनसे हमारी दूरी बढ़ती जाएगी।

अक्सर ऐसा देखा गया है कि जब भी कोई इवेंट होता है,लोग उसे इंज्वॉय करने की बजाए सेल्फी लेने में बिजी हो जाते हैं। बच्चा स्टेज पर परफॉर्म कर रहा है तो पेरेंट्स रिकॉर्डिंग में बिजी हैं। कोई हॉलिडे ट्रिप पर है तो पल पल की अपडेट्स फेसबुक,ट्विटर पर डाल रहा है। लाइफ इंज्वॉय करना और आसपास मौजूद लोगों के साथ वक्त बिताना बहुत कम हो गया है।

ये चलन आम होता जा रहा है,कपल्स फोन पर या सोशल मीडिया पर चैटिंग तो खूब मजे से करते हैं, लेकिन वो उतनी ही सहजता से आमने-सामने बैठकर घंटों बात नहीं कर पाते। भले ही इंटरनेट और स्मार्टफोन के जरिए आप ढेर सारी सूचनों का आदान प्रदान करते हैं, खूब सारी बातें भी करते हैं और ‘कनेक्टेड’ महसूस करते हैं। लेकिन  असल में इससे रिश्ते का चार्म धीरे-धीरे कम हो जाता है। शुरुआत में आपको इसका एहसास भी नहीं होगा। रिश्ते की गर्माहट बनी रहे इसके लिए मुलाकातों का सिलसिला जरूरी है. 

फेसबुक पर लंबी फ्रेंड लिस्ट, ट्विटर पर फॉलोअर्स की तादाद भले शान की बात हो सकती है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से ये ठीक नहीं। सोशल मीडिया के जरिए हम कई अनजान लोगों से जुड़ जाते हैं। ऐसे में आप कहां छुट्टी मनाने गए, किन लोगों के साथ पार्टी की, किसी टॉपिक पर आपके विचार क्या हैं, ये सारी चीजें अनजान लोगों तक भी पहुंच जाती हैं। निजता बनी रहे और आपके अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित हो इसके लिए जरूरी है कि इनसे थोड़ी दूरी रखी जाए।
 

गर्लफ्रेंड या ब्वॉयफ्रेंड की लंबी फ्रेंड लिस्ट और देर रात तक उनका किसी और से चैटिंग करना आपको तकलीफ दे सकता है। हो सकता है आपके पार्टनर की भी आपसे यही शिकायत हो। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें और जितना हो सके ऐसे प्लेटफॉर्म पर दोस्ती-यारी से बचा जाए।

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