नई दिल्ली : शादी विवाह और जन्म दिन के कार्यक्रमों में उत्तर प्रदेश में संगीत बजाकर अपनी जीविका कमाने वाले डिस्क जॉकी (डीजे) को सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा डीजे पर लगाई गई पाबंदी पर रोक लगा दी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 दिसंबर को की जाएगी। जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने शादी-विवाह का मौसम शुरू होने से ठीक पहले प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि कानून के अनुसार डीजे आपरेटरों को इसकी अनुमति दी जाए। हाई कोर्ट ने 20 अगस्त के अपने आदेश में डीजे पर यह कहते हुए रोक लगा दी थी कि इसकी सेवाओं से निकलने वाली तेज आवाज अप्रिय और मान्य स्तर से ऊंची होती है।
शीर्ष अदालत में बुंदेलखंड साउंड एंड डीजे एसोसिएशन के 13 सदस्यों की ओर से पेश वकील दुष्यंत पाराशर ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश की वजह से राज्य में डिस्क जॉकी बेरोजगार हो रहे हैं और उनके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि शादी-विवाह, जन्म दिन और इसी तरह के अन्य आयोजनों के दौरान संगीत बजाने के दौरान मिलने वाली राशि ही इन डीजे की आजीविका का साधन था लेकिन इस पर पूरी तरह प्रतिबंध की वजह से वे अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं।