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दिग्गज कलाकार अमिताभ ने खोला बड़ा राज, बताया कैसे मिला था ‘बच्चन’ सरनेम?

महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उनके द्वारा किए गए ट्वीट और ब्लॉग में लिखा गया एक-एक शब्द चर्चा में आ जाता है। अमिताभ को फिल्म इंडस्ट्री में 50 साल हो गए हैं। हाल ही में बिग बी ने ब्लॉग में निजी जिंदगी से जुड़ा बड़ा खुलासा किया है। अमिताभ बच्चन ने बताया कि कैसे उनके नाम के आगे बच्चन शब्द जुड़ा। अमिताभ बच्चन का यह ब्लॉग खूब पढ़ा जा रहा है।

बिग बी ने बताया ‘उनके पिता जाति प्रथा के घोर विरोधी थे। बाबूजी का जन्म कायस्थ परिवार में हुआ था और श्रीवास्तव सरनेम था। वह जाति प्रथा के खिलाफ थे इसलिए उन्होंने अपने उपनाम बच्चन रख लिखा। मेरे पिता का उपनाम इस तरह बच्चन हो गया। मेरा जन्म हुआ और स्कूल में दाखिल कराने के समय फॉर्म में लिखने के लिए मेरा सरनेम पूछा गया तो माता-पिता ने आपस में बात की और फैसला लिया की हमारे परिवार का उपनाम बच्चन ही होगा।’

अमिताभ बच्चन ने ब्लॉग में लिखा- ‘यह हमारे साथ कायम और आगे भी रहेगा। मुझे बच्चन सरनेम के ऊपर गर्व है।’ बॉलीवुड में सिर्फ अमिताभ बच्चन ही नहीं बल्कि रोशन खानदान भी अपने असली सरनेम से नहीं जाता जाता। एक वेबसाइट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ऋतिक रोशन का असली नाम ऋतिक नागरथ है। ऋतिक के दादा यानी कि राकेश रोशन के पिता म्यूजीशियन थे। वह अपने पहले नाम रोशन से फेमस थे। 50 और 60 के दशक में उन्होंने कई फिल्मों में संगीत दिया।

राकेश और राजेश ने अपने नाम के साथ पिता का पहला नाम लगाया और ऋतिक ने भी अपने नाम के साथ दादा का सरनेम। इस तरह से ऋतिक के नाम के साथ रोशन जुड़ा। अपने इस ब्लॉग से पहले अमिताभ बच्चन का एक ट्वीट खूब वायरल हुआ था। इस ट्वीट में बिग बी ने आपदा राहत टीम को जमकर बधाई दी थी। दरअसल, महाराष्ट्र के ठाणे जिले में वंगानी के पास फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस के यात्रियों को बचाने के राहत अभियान चलाया गया था।

इस बचाव अभियान के लिए नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), भारतीय रेलवे, भारतीय वायुसेना और राज्य प्रशासन ने मिलकर राहत कार्य किया। राहत बचाव दल ने ट्रेन में फंसे 700 लोगों को बचाया। जिसकी तारीफ किए बिना अमिताभ बच्चन भी नहीं रह पाए। अमिताभ ने ट्वीट किया कि ‘एनडीआरएफ की टीम को बधाई। उन्होंने महालक्ष्मी एक्सप्रेस से 700 यात्रियों को सफलतापूर्वक बचाया है। शाबाश एनडीआरएफ, नौसेना, भारतीय वायुसेना, रेलवे और राज्य प्रशासन, आपने बहुत अच्छा कार्य किया है। यह एक साहसी और सफल अभियान है। गर्व से भर गया हूं। जय हिंद।’

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