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दिल्ली आर्थिक रूप से मजबूत

econ-growthनईदिल्ली । राजधानी में विभिन्न बैंकों की 2,847 शाखाओं में 6,65679 करोड़ रुपये जमा थे। इससे दिल्ली की खुशहाली और बेहतर आर्थिक स्थिति का पता चलता है। उन्होंने कहा कि यह दिल्ली की बढ़िया आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है कि दिल्ली आर्थिक रूप से मजबूत है।

3.98 करोड़ मोबाइल राजधानी में टेलीफोन के 4.28 करोड़ कनेक्शन हैं, इनमें लैंड लाइन और वायरलैस फोन शामिल हैं। 31 दिसंबर, 2012 तक आए आंकड़ों के मुताबिक राजधानी में 3.98 करोड़ मोबाइल और 29.49 लाख लैंड लाइन फोन हैं। अगर इसे दिल्ली की जनसंख्या के अनुपात में देखा जाए तो हर व्यव्ति पर करीब दो मोबाइल फोन पड़ते हैं। ईस्ट दिल्ली सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में कुल साक्षरता दर 86.20 फीसदी है। साक्षरता के मामले में ईस्ट दिल्ली सबसे आगे हैं। यहां साक्षरता की दर 89.30 फीसदी है। साल-2011-12 में स्कूलों की संख्या 5122 थी। इस दौरान अलग-अलग कक्षाओं में 41.45 लाख बच्चे पढ़ रहे थे। इनमें से 18 लाख प्राइमरी कक्षाओं के बच्चे थे और शिक्षकों की संख्या 1.19 लाख थी। 3.36 लाख नई गाड़ियां राजधानी में 2012-13 में 3.36 लाख नई गाड़ियां रजिस्टर्ड हुईं। साल 2011-12 में गाड़ियों की संख्या 74,38,155 थी जो 2012-13 में बढ़कर 77,74,403 हो गई। दिल्ली में कारों और जीपों की कुल संख्या 2012-13 में 24, 74087 है जबकि मोटर साइकिल और स्कूटर 49,62,507 है। डीटीसी की बसों में हर रोज करीब 46 लाख 77 हजार लोग यात्रा करते हैं।पेट्रोल की खपत घटी राजधानी में 2009-10 में पेट्रोल की खपत 8.07 लाख मीट्रिक टन थी जो 2012-13 में कम होकर 7.87 लाख मिट्रिक टन रह गई। डीजल की खपत में भी कमी आई है। 2009-10 में डीजल की खपत 10.98 लाख मीट्रिक टन थी जो 2012-13 में कम होकर 10.37 लाख मिट्रिक टन रह गई। 1 लाख से ज्यादा जाते हैं हर रोज सिनेमा देखने राजधानी के लोग सिनेमा देखने के भी बेहद शौकीन हैं। राजधानी में हर रोज 1 लाख 7 हजार लोग सिनेमा हॉल में मूवी देखने जाते हैं। राजधानी में 150 सिनेमा हाल हैं और हर रोज औसतन 514 शो आयोजित किए जाते हैं।

बिजली-पानी के कनेक्शन बढ़े राजधानी में बिजली के कनेक्शन 44.64 लाख हैं। राजधानी में पानी की खपत प्रति व्यव्ति 49 गैलन है। पानी के मीटर कनेक्शन 15,42,825 और बिना मीटर के कनेक्शन 4,38,791 हैं।

अस्पतालों में 42,643 बिस्तर राजधानी में 31 दिसंबर, 2012 को राजधानी के 940 अस्पतालों में 43643 बिस्तर हैं। इसके अलावा 227 मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्र व 1168 डिस्पेंसरी भी दिल्ली में काम कर रही हैं। राजधानी में 3.86 लाख लोग ओल्ड ऐज पेंशन ले रहे हैं।

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