उत्तर प्रदेश

देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने किया वाणिज्यिक ज्ञान का भरपूर प्रदर्शन

सीएमएस में अन्तर्राष्ट्रीय कामर्स एवं इकोनॉमिक सम्मेलन ‘आई.वाई.सी.सी.ई.-2017’

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड कैम्पस द्वारा सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय कामर्स एवं इकोनॉमिक सम्मेलन ‘आई.वाई.सी.सी.ई.-2017’ के दूसरे दिन ब्राजील, श्रीलंका, नेपाल एवं देश के कोने-कोने से पधारे बाल अर्थशास्त्रियों ने अपने ज्ञान-विज्ञान का लोहा मनवाया। जहाँ एक ओर देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने वाद-विवाद, कार्टून मेकिंग, माडल मेकिंग, भाषण आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं में अपने ज्ञान-विज्ञान का जमकर प्रदर्शन किया तो वहीं दूसरी ओर प्रबुद्ध हस्तियों के सारगर्भित विचारों ने गागर में सागर उड़ेलकर रख दिया। ‘‘आई.वाई.सी.सी.ई.-2017’’ में प्रतिभाग कर रहे देश-विदेश के छात्रों में विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग हेतु होड़ लगी रही और प्रतिभागी छात्रों ने साबित कर दिया कि आर्थिक समानता ही विश्व एकता की धुरी है। यह सम्मेलन देश-विदेश के छात्रों को लखनऊ की संस्कृति व सभ्यता से अवगत कराने का अहम माध्यम बन गया है।
इससे पहले आई.वाई.सी.सी.ई.-2017 के दूसरे दिन का शुभारम्भ आज प्रातः दीप प्रज्वलन एवं मुख्य अतिथि प्रो. संतोष मेहरोत्रा, जेएनयू एण्ड चेयरमैन, सेन्टर फॅार इन्फार्मल सेक्टर एण्ड लेबर स्टडीज, नई दिल्ली के सारगर्भित उद्बोधन से हुआ। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में प्रो. संतोष मेहरोत्रा ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को अपने युग की समस्याओं एवं आवश्यकताओं पर विचार कर उनका समाधाना सोचना चाहिए। आर्थिक विकास के साथ-साथ देश एवं दुनिया के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संपदा एवं संसाधनों पर भी विशेष ध्यान देना हे और पिछली पीढ़ी ने जो गलतियां की हैं, उन्हें नहीं दोहराना है। उन्होंने कहा कि समाज में आर्थिक समानता की महती आवश्यकता है। आई.वाई.सी.सी.ई.-2017 के अन्तर्गत प्रतियोगिताओं का सिलसिला बुल वर्सेज बियर (वाद-विवाद प्रतियोगिता) से प्रारम्भ हुआ जिसका विषय था ‘द प्रिजर्वेशन ऑफ हेरिटेज, कल्चर एण्ड कस्टम्स इज इम्पॉसिबल इन एन इंक्रीजिंगली ग्लोबलाईज्ड वर्ल्ड’। प्रतियोगिता का संचालन प्रख्यात क्विज मास्टर श्री सुभाष बिसारिया ने किया जबकि प्रतिभागी छात्रों ने विषय के पक्ष व विपक्ष में बोलते हुए सारगर्भित एवं तथ्य परक विचारों से सभी को गद्गद् कर दिया। हिलटॉप स्कूल, जमशेदपुर, झारखण्ड के रिशी राज आनन्द ने कहा कि वैश्वीकरण मूल्यरहित निर्धारण व्यवस्था नहीं है। इससे किसी भी देश की स्थानीय पहचान अपना अस्तित्व खो देती है। विषय के विपक्ष में बोलते हुए कालिजिओ मिलिटार डी मेनॉस स्कूल, ब्राजील के जोस लुईस वार्सस ने कहा कि वैश्वीकरण के बावजूद भी भारत की सांस्कृतिक विरासत फल-फूल रही है। दूसरे देशों के खानपान व व्यापार का असर स्थानीय लोगों पर नहीं पड़ता। इसी प्रकार पक्ष में बोलते हुए शारदा मंदिर स्कूल, गोवा की ईशा विवोईकर ने कहा कि परिवर्तन तो अपरिहार्य है। वैश्वीकरण के कारण हमारी कई पारम्परिक चीजें खत्म हो रही है। समय और सांस्कृतिक विरासत में बदलाव रोके नहीं जा सकते हैं। विपक्ष में बोलते हुए रायन इण्टरनेशनल स्कूल, गाजियाबाद की रिचा शर्मा ने कहा कि वैश्वीकरण से विचारों एवं संस्कृतियों का आदान-प्रदान होता है। आज हम सही एवं गलत केप्रति अधिक जागरूक हो गये हैं और फलस्वरूप अपनी सदियों पुरानी संस्कृति एवं परम्परा का अधिक कड़ाई से पालन करने लगे हैं। इसी प्रकार अन्य प्रतिभागियों ने अपने रोचक व सारगर्भित विचारों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
‘फिनटून्स’ फाइनेन्शियल कार्टून प्रतियोगिता भी आज के सर्वाधिक आकर्षण में एक थी जिसमें देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने एक से बढ़कर एक कार्टून बनाकर विश्व समाज में व्याप्त आर्थिक असमानता को उजागर किया। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों की आर्थिक समझ, सृजनात्मकता, कलात्मकता व प्रस्तुतिकरण देखते ही बनता था। इस प्रतियोगिता में 46 छात्र टीमों ने प्रतिभाग किया। अपरान्हः सत्र में आयोजित इण्टरप्रिन्योर एक्सप्रेशन (कार्पोरेट भाषण) प्रतियोगिता को भी दर्शकों की खूब प्रशंसा प्राप्त हुई तथापि छात्रों की जोशीली एवं सारगर्भित अभिव्यक्ति पर खचाखच भरा ऑडिटोरियम कई बार तालियों से गूंज उठा। जूनियर वर्ग के छात्रों की इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्र टीमों को कुछ प्रमुख हस्तियों के भाषण के कुछ अंश सुनाने थे जिसमें छात्रों ने अपनी जोरदार प्रस्तुति से यह साबित कर दिया कि अर्थशास्त्र जैसे गूढ़ विषय को उन्होंने गहराई से पढ़ा और समझा है। मजेदार बात यह रही कि इन प्रतिभागी छात्रों ने प्रख्यात हस्तियों के भाषण को उन्हीं जैसे अंदाज व वेशभूषा में सुसज्जित होकर प्रस्तुत किया, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले छात्रों में वही जोश देखने को मिला जो उन व्यक्तियों में अपने भाषण देते वक्त रहा होगा।
साई-टूल्स ‘साइंटिफिक मॉडल प्रतियोगिता’ भी आज के प्रमुख आकर्षणों में एक थी। इस प्रतियोगिता में देश-विदेश की कई छात्र टीमों ने अपने हुनर व कला-कौशल से लोगों को दांतो तले उंगलिया दबानें पर मजबूर कर दिया। जूनियर वर्ग के छात्रों के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों ने एक से बढ़कर एक साइंटिफिक माडल प्रस्तुत किए एवं इन माडलों के माध्यम से सामाजिक विकास की अपनी सोच को उजागर किया। इसके अलावा, बिज क्विज (बिजनेस क्विज) प्रतियोगिता एवं काम डाट नेट प्रतियोगिता का लिखित राउण्ड भी आज सम्पन्न हुआ। बिज क्विज प्रतियोगिता के लिखित राउण्ड द्वारा फाइनल राउण्ड की प्रतिभागी टीमों को चयनित किया गया जबकि काम डाट नेट प्रतियोगिता के माध्यम से छात्रों के कामर्स एवं इकोनामिक्स के विषयी ज्ञान को जांचा-परखा गया। इन दोनों प्रतियोगिताओं में भी देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने खूब बढ़कर कर प्रतिभाग किया।
प्रतियोगिताओं के अलावा आज सायंकालीन सत्र में देश-विदेश से पधारे छात्रों व टीम लीडरों के सम्मान रात्रिभोज एवं साँस्कृतिक संध्या का विशेष आयोजन सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में किया गया। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे प्रतिभागी छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह का शुभारम्भ श्री अनुज कुमार झा, आई.ए.एस., निदेशक, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, उ.प्र. द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री अनुज कुमार झा, आई.ए.एस., ने कहा कि सी.एम.एस. द्वारा आयोजित यह समारोह छात्रों को न सिर्फ एक-दूसरे की सभ्यता व संस्कृति से अवगत करा रहा है अपितु उनमें आपसी भाईचारे व सौहार्द की भावना भी विकसित कर रहा है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि 28 से 31 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे ‘आई.वाई.सी.सी.ई.-2017’ में ब्राजील, श्रीलंका, नेपाल व देश के विभिन्न राज्यों से पधारे 500 से अधिक छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। सम्मेलन के तीसरे दिन कल, 30 अक्टूबर को देश-विदेश से पधारे छात्र एड-वेन्चर (विज्ञापन प्रचार), साउंड ऑफ साइलेन्स (कोरियोग्राफी), ई-मैनेज (इण्डस्ट्री प्रजेन्टेशन), बी-प्लान (सृजनात्मक विचार) आदि प्रतियोगिताओं में अपने ज्ञान का प्रदर्शन करेंगे। इसके अलावा, प्रबुद्ध हस्तियों के सारगर्भित अभिभाषण होंगे।

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