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धर्म संसद में बोले मोहन भागवत-बिछड़े हिन्दुओं को वापस लाने की आवश्यकता


प्रयागराज : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने धर्म जागरण के माध्यम से बिछुड़े हिन्दुओं (धर्मांतरण करने वाले) को वापस लाने और दोबारा जाने से रोकने के प्रयास की आवश्यकता बताई है। विहिप के धर्म संसद अधिवेशन को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जो बिछुड़ गए, उनमें से 70 प्रतिशत वापस आना चाहते हैं। हमें उन्हें विश्वास दिलाना है कि घर का दरवाजा बंद नहीं है। संघ प्रमुख ने कहा कि राजनीतिक कारणों से समाज को बांटकर वोटों की कटाई का प्रयास हो रहा है। ऐसे लोग हमारे भेदों को उभारकर अपना काम साधना चाह रहे हैं। उनकी पहचान छुपी नहीं है। हमारी कमियों के कारण षडयंत्र पनप रहा है। हमारा भेद न रहे, कोई अलग न कर सके और एकजुट रहना है। संत समाज को दिशा देने का काम करते रहें। आरएसएस इस काम में साथ चल रहा है और चलेगा। सामाजिक समरसता के प्रति जागृति और संस्कारों का ज्ञान देना होगा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण इसलिए हो रहा है क्योंकि हमें अपने गौरव का ज्ञान नहीं। जो जड़ों से कटे हैं उनका धर्मांतरण हो रहा है। हमें अपने कुटुम्ब, पूर्वजों को याद रखना है। अपने आप को, अपने परिवार को और समाज को ठीक रखना है। हिन्दू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की नई-नई योजनाएं हो रही हैं। हिन्दू समाज को कपट युद्ध के बारे में बताना होगा। हमारा समाज अज्ञानी है उसे जानकारी देनी होगी। टीवी कैमरे के सामने भारत तेरे टुकड़े होंगे… कहने वाले सबरीमाला में महिला-पुरुष भेदभाव की बात कर रहे हैं। केरल सरकार भी अत्याचार और अन्याय कर रही है। यह केवल मलयाली समाज का नहीं पूरे हिन्दू समाज का संकट है। पूरा हिन्दू समाज आंदोलन में सहभागी है। हिन्दू समाज एकसाथ खड़ा हो गया तो उसे तोड़ा नहीं जा सकता।

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