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नोटबंदी-GST से बढ़ेगा टैक्स बेस, नकद लेनदेन में होगी मुश्किल!

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी और माल एवं सेवाकर (जीएसटी) से नकद लेन-देन करना मुश्किल होगा जिसके परिणामस्वरूप कर अनुपालन बेहतर होगा और कर आधार बढ़ेगा. जेटली ने कहा कि सरकार विदेशों में कालाधन रखने और देश के अंदर कालाधन में धंधा करने वालों तथा मुखौटा कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए कानून लेकर आई है.नोटबंदी-GST से बढ़ेगा टैक्स बेस, नकद लेनदेन में होगी मुश्किल!मंत्री ने कहा कि देश ने कर अनुपालन नहीं होने के ढेरों मामलों और बड़े पैमाने पर व्यवस्था के बाहर होने वाले लेन-देन जैसे भारतीय चलनों का समाधान ढूंढ लिया है. हर साल वित्त विधेयक के माध्यम से हम कुछ बदलावों की घोषणा करते थे जिसका बहुत ही आंशिक असर होता था. मैं समझता हूं कि इन आंशिक बदलावों का स्थाई असर कोई बहुत बड़ा नहीं था. उन्होंने कहा, ‘इसलिए, एक बड़ा बदलाव लाने के लिए कई कदम उठाये जाने थे. संपूर्णता में देखने पर हम पाते हैं कि इस सरकार द्वारा उठाये गये कदमों का दीर्घकालिक प्रभाव होगा तथा इसके पीछे व्यापक नैतिक औचित्य होगा.’

जेटली ने कहा, ‘नोटबंदी और जीएसटी व्यवस्था, जो नकदी सृजन को मुश्किल बनाएगी, का शुद्ध प्रभाव व्यापक कर पालन एवं वृहद डिजीटलीकरण के रूप में सामने होगा. व्यापक डिजीटलीकरण, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कराधार के विस्तार के शुरुआती संकेत पहले ही नजर आने लगे हैं’. वित्त मंत्रालय द्वारा आयोजित दिल्ली इकोनोमिक्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि इस सरकार ने जो पहला कदम उठाया, जिसने व्यवस्था को झकझोर दिया, वह उन लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई थी जिन्होंने विदेश में अपना धन छिपा रखा है.
 

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