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पत्रकार को मिली सनातन संस्था से धमकी, सुरक्षा लेने से इनकार

दस्तक टाइम्स/एजेंसी

sanatanमुंबई। विभिन्न जन सरोकारों पर अपने आक्रामक रुख के लिए विख्यात पत्रकार निखिल वागले ने कहा है कि उन्हें हिंदू संगठन ‘सनातन संस्था’ की ओर से धमकी मिली है। महाराष्ट्र पुलिस ने वागले को सुरक्षा देने की पेशकश की, लेकिन वागले ने यह कहकर सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया कि मीडियाकर्मी होने के नाते वह ऐसी परिस्थितियों में काम नहीं कर सकेंगे। वागले ने सोमवार को अन्य मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘पिछले सप्ताह चार पुलिस अधिकारी मेरे पास सुरक्षा की पेशकश लेकर आए थे। यहां तक कि उन्होंने मुझे इस संबंध में एक पत्र भी दिया, लेकिन मैंने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया।’’ वागले ने कहा, ‘‘मैं एक पत्रकार हूं। मैं सुरक्षा के साथ भला कैसे काम कर सकता हूं? सबसे बड़ी बात यह है कि सिर्फ मेरी ही नहीं बल्कि सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व सरकार का है।’’
वागले ने बताया कि उन्हें सनातन संस्था की ओर से ट्विटर के जरिए और संस्था के मुखपत्र ‘सनातन प्रभात’ के जरिए भी धमकी दी गई। पिछले सप्ताह सनातन प्रभात में प्रकाशित एक लेख में वागले को अपने विचार रखने के प्रति चेतावनी दी गई थी। करीब चार वर्ष पहले सनातन संस्था के कर्मचारी अभय वर्तक वागले का एक टीवी शो बीच में छोड़कर चले गए थे।

सनातन संस्था एक बार फिर तब चर्चा में आई थी, जब संस्था के कार्यकर्ता समीर वी. गायकवाड़ को इसी वर्ष फरवरी में वामपंथी नेता गोविंद पनसारे की हत्या मामले में महाराष्ट्र के सांगली से गिरफ्तार किया गया था।

81 वर्षीय पनसारे और उनकी पत्नी उमा की मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने इसी वर्ष 16 फरवरी को उनके घर के करीब गोली मार दी थी। पनसारे की जहां अत्यधिक जख्म के कारण चार दिन बाद मौत हो गई थी, वहीं उनकी पत्नी बच तो गईं पर अपंग हो गईं।

गायकवाड़ की गिरफ्तारी के बाद कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने सनातन संस्था को प्रतिबंधित किए जाने की मांग की थी।

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