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परिवहन निगम में करोड़ों का घोटाला, नौ लाख से ज्यादा ने की साढे़ पांच करोड़ की फ्री यात्रा

उत्तराखंड परिवहन निगम में विशेष श्रेणी की यात्राओं में करोड़ों रुपये के घोटाले का खेल सामने आया है। विशेष श्रेणी के अंतर्गत आने वाले सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायकों समेत नौ लाख से ज्यादा यात्रियों ने तीन माह में निगम की बसों में नि:शुल्क यात्रा की है।परिवहन निगम में करोड़ों का घोटाला, नौ लाख से ज्यादा ने की साढे़ पांच करोड़ की फ्री यात्रा

इन यात्राओं में साढ़े पांच करोड़ से अधिक का खर्च आया है। निगम ने यात्राओं का क्लेम शासन को भेजा तो पास न होने पर घोटाले से पर्दा उठा। निगम मुख्यालय ने सभी डिपो को पत्र जारी कर यात्राओं को ब्योरा तलब किया है।

परिवहन निगम में आर्मी वांरट सैनिक, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व उनकी विधवा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की प्रथम पीढ़ी, छात्राएं, विकलांग एवं उनके सेवार्थी, सीनियर सिटीजन, मान्यता प्राप्त पत्रकार, उत्तराखंड आंदोलनकारी और उनकी विधवाएं नि:शुल्क यात्रा कर सकती हैं। आंकड़ों के अनुसार एक जनवरी, 2018 से 31 मार्च, 2018 तक उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में विशेष श्रेणी के 9,31,119 यात्रियों ने नि:शुल्क यात्रा की है। इन यात्राओं में 90 दिन में साढे़ पांच करोड़ से अधिक का खर्च आया है।

निगम ने 5,52,30,622 रुपये का क्लेम शासन को भेजा गया। क्लेम की रकम में गड़बड़ी की आशंका पर शासन ने इसे पास नहीं किया। आपत्ति लगाए जाने पर निगम मुख्यालय ने विशेष श्रेणी के यात्रियों के मामले की प्रारंभिक जांच की। गड़बड़ी पाए जाने पर महाप्रबंधक ने सभी डिपो से यात्राओं को ब्योरा मांगा है। करोड़ों के घोटाले के खेल में कौन-कौन कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। इसका खुलासा जांच के बाद सामने आएगा। 

ये खर्च का ब्यौरा

श्रेणी                     यात्रा की      सेवार्थी       खर्च
सांसद                   4,257         01        3,21,212 रुपये
विधायक                  156          26        35,159
आर्मी वारंट              5,729         00        1,26,573
एक्स एमएलए             301         02        24,921
फ्रीडम फाइटर            3,918        00        3,21,638
प्रथम पीढ़ी
फ्रीडम फाइटर             10,442        81        9,58,720
गर्ल्स स्टूडेंट              3,02,377                97,15,867
विकलांग सहायक सहित    25,720    2,610     20,39,980
विकलांग बिना सहायक     49,004       00      34,05,523
जिला स्तरीय पत्रकार           169        00         25,581
राज्य स्तरीय पत्रकार          3,808       00        5,36,709
सीनियर सिटीजन         4,95,617       00      3,43,05,511
यूके राज्य आंदोलनकारी     28,918       00        22,11,582    
यूके राज्य आंदोलनकारी की विधवाएं         22        00             1,112
फ्रीडम फाइटर की विधवाएं    681        11             64,534
 

निगम मुख्यालय ने इन डिपो को जारी किया पत्र 

घोटाले की जानकारी सामने आने के बाद निगम मुख्यालय के महाप्रबंधक (संचालन-तकनीकी) की ओर से श्रीनगर, टकनपुर, रुड़की, देहरादून जेएनएनयूआरएम, रुद्रपुर, ऋषिकेश, रानीखेत, अल्मोड़ा, भवाली, पर्वतीय डिपो, ग्रामीण, हल्द्वानी, हरिद्वार, काशीपुर, हरिद्वार जेएनएनयूआरएम, काठगोदाम जेएनएनयूआरएम, काठगोदाम, कोटद्वार, लोहाघाट, पिथौरागढ़ व रामनगर डिपो को पत्र भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि पूर्व विधायकों, विधायकों, सांसदों व आर्मी वारंट की संख्या जानबूझकर फर्जी या गलत अंकित की जा रही है। इसे संबंधित अधिकारी देख नहीं रहे हैं।
जांच करने पहुंचे रुड़की डिपो सहायक लेखाधिकारी
निगम मुख्यालय से घोटाले का पत्र जारी होने के बाद हरकत में आए देहरादून आरएम ने सहायक लेखाधिकारी को जांच के लिए रुड़की डिपो भेजा। सहायक लेखाधिकारी रजनीश गुप्ता ने आर्मी वारंट से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी डिपो के अधिकारियों से जुटाई। इस संबंध में डिपो के एजीएम जेएस शर्मा से बात की गई तो उन्होंने उसे मासिक समीक्षा कहकर बात को टाल दिया। विशेष श्रेणी के यात्रियों के तीन माह के जो आंकडे़ आए हैं वह चौंकाने वाले हैं। खासतौर से वर्तमान एमपी और एमएलए की यात्राओं की संख्या। सभी डिपो से ब्योरा मांगा गया है। गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है।
– दीपक जैन, महाप्रबंधक संचालन-तकनीकी

महाप्रबंधक से जानकारी ली जाएगी। किस स्तर से फर्जीवाड़ा हुआ है? जांच करवाकर पता किया जाएगा। जो भी कर्मचारी और अधिकारी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– बृजेश कुमार संत, प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम

 
 

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