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प्रिंस सलमान बोले- ईरान को रोकने में दुनिया साथ नहीं आई, तो तेल के दाम और बढ़ेंगे

ईरान के साथ चल रहे विवाद के बीच सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा है कि अगर ईरान को रोकने के लिए दुनिया साथ नहीं आई तो तेल के दाम अप्रत्याशित रूप से बढ़ेंगे। इसी महीने की शुरुआत में सऊदी की तेल कंपनी अरामको की दो रिफाइनरियों पर ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद प्रिंस सलमान ने पहली बार इस मुद्दे पर बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि प्रिंस सलमान ने कहा कि पूरी दुनिया के देशों को ईरान के खिलाफ कार्रवाई में शामिल होना होगा, वरना इससे सभी को नुकसान पहुंच सकता है। मालूम हो कि तेल संयंत्रों पर हुए हमले की जिम्मेदारी यमन के हूती विद्रोहियों ने ली थी, जबकि सऊदी अरब ने ईरान को इसका जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, अमेरिका ने भी इन हमलो के लिए ईरान को जिम्मेदार बताया था।

अमेरिका ने ईरान के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों में बढ़ोतरी कर दी है। बीते 20 सितंबर को अमेरिका ने ईरान के केंद्रीय बैंक और एक डेवलपमेंट फंड को भी प्रतिबंध के दायरे में ले लिया गया है। सऊदी के तेल संयंत्रों पर हुए हमले के बाद यह अमेरिका की बड़ी कार्रवाई है।

“तेल के दाम इतने बढ़ेंगे कि…”

प्रिंस सलमान ने कहा कि ईरान के खिलाफ लड़ाई में दुनिया साथ नहीं आई तो सभी प्रभावित होंगे। एक अमेरिकी चैनल को दिए गए साक्षात्कार में सलमान ने कहा कि सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हमला ईरान की तरफ से युद्ध की शुरुआत थी। इसके बावजूद वे युद्ध नहीं करना चाहते। वह ईरान के साथ विवाद का सैन्य नहीं बल्कि राजनीतिक हल चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि युद्ध से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ईरान की वजह से तेल की सप्लाई बाधित होगी और तेल के दाम इतने ऊपर पहुंच जाएंगे, जितने हमने अपने पूरे जीवन में नहीं देखे होंगे।

ईरान करता रहा है हमलों से इनकार
ईरान शुरू से ही सऊदी और अमेरिका के आरोपों से इनकार करता रहा है और इससे इत्तेफाक रखता है कि इसके पीछे यमन के हूती विद्रोहियों का हाथ हो सकता है। वहीं, सऊदी ने तेल संयंत्रों पर हमलों के पीछे ईरान का हाथ बताने के लिए हथियारों की एक प्रदर्शनी भी रखी थी। इसमें दावा किया गया था कि इतने आधुनिक हथियार हूती विद्रोही चला ही नहीं सकते।

ईरान ने अमेरिका को भी एक राजनयिक नोट भेज कर सऊदी अरब के तेल क्षेत्रों पर हमले में अपनी किसी भी भूमिका से इनकार किया है। साथ ही आगाह किया कि वह किसी भी कार्रवाई का पूरी मजबूती से जवाब देगा। स्विट्जरलैंड के दूतावास के जरिए अमेरिका को औपचारिक नोट में ईरान ने जोर देकर कहा है कि इन हमलों में उसकी कोई भूमिका नहीं है।

खगोशी की हत्या हमारी ‘गलती’, लेकिन मैंने आदेश नहीं दिया
मोहम्मद बिन सलमान ने साक्षात्कार में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर सवाल के जवाब में कहा कि यह हमारी गलती थी और सऊदी का नेता होने के नाते मैं पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया कि उन्होंने हत्या के आदेश दिए थे।

उन्होंने कहा कि सऊदी अरब सरकार के लिए काम करने वाले लोगों ने इसे अंजाम दिया, जो कि जघन्य अपराध था।

दो अक्तूबर 2018 को हुई थी हत्या

द वाशिंगटन पोस्ट में लेखों के लिए आलोचकों के निशाने पर रहने वाले खशोगी तुर्की मूल की अपनी मंगेतर से शादी करने के लिए जरूरी दस्तावेज एकत्रित करने के लिए दो अक्टूबर 2018 को तुर्की में सऊदी वाणिज्य दूतावास गए थे। सऊदी सरकार के एजेंटों ने वाणिज्य दूतावास के भीतर खशोगी की हत्या कर दी थी।

खगोशी का शव क्षत-विक्षत कर दिया गया था, जो कभी बरामद नहीं किया जा सका। सऊदी अरब ने हत्या मामले में 11 लोगों पर आरोप लगाया और उन पर मुकदमा चलाया। हालांकि अभी तक किसी को भी सजा नहीं मिली है।

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