अजब-गजब

मिस्र में खुदाई में मिलीं दो रहस्यमयी ममी, खोले कई रहस्मयी राज

मिस्र के प्राचीन शहर लक्सर के पास वैली ऑफ किंग्स में कुछ समय पहले मिस्र के प्रसिद्ध फारो तुतनखामुन की कब्र व ममी मिली थी। अब भू-वैज्ञानिकों को इसी वैली ऑफ किंग्स से दो और ममियां मिली हैं। हालांकि शोध के दौरान पता चला है कि यह ममियां किसी शाही खानदान से ताल्लुकात रखने वाले व्यक्तियों की नहीं हैं। खुदाई के दौरान वैज्ञानिकों को ममियों के अलावा कई कार्यशालाएं भी मिली हैं, जिससे इस विशाल राजसी परिसर का निर्माण करने वाले मजदूरों की जिंदगी और रहन-सहन के बारे में कई खुलासे होंगे। 10 अक्तूबर को एक समाचार वार्ता के दौरान इन खोजों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई।

खुदाई के दौरान मजदूरों के संग्रहण क्षेत्र के बारे में भी जानकारी मिली है। मजदूर इस जगह पर अपने सामान व उपकरणों का संग्रह करते थे। इसके अलावा यहां कई तरह के लेख व असाधारण कलाकृतियां भी पाई गई हैं। खुदाई के दौरान पाए गए लेखों में मजदूरों की रोजमर्रा की जिंदगी व रहन-सहन का उल्लेख है। यहां एक असाधारण कलाकृति भी पाई गई है, जिससे यह खुलासा हुआ है कि प्राचीन समय में फर्नीचर को इधर से उधर रखने के लिए शायद मजदूर उस कलाकृति का उपयोग करते थे।

मिस्र के पूर्व मंत्री जाही हावास ने कहा कि वैली ऑफ किंग में मिली कार्यशालाएं एक महत्वपूर्ण खोज है। खुदाई में कई तरह की कार्यशालाएं मिली हैं, जिनमें मिट्टी के बर्तनों की रंगाई की कार्यशाला, फर्नीचर बनाने की कार्यशाला, सोना साफ करने की कार्यशाला आदि शामिल हैं। हावास ने आगे बताया कि भू-वैज्ञानिकों को कार्यशाला परिसर से नजदीक घाटी में ही 16 मीटर लंबा गढ्ढा मिला है, जिसके बारे में अनुमान लगाया गया है कि इस गढ्ढे को वस्तुओं के संग्रह के लिए इस्तेमाल किया जाता था। स्थल से कई और तरह की वस्तुओं जैसे प्याज, अंजीर, लिनन और रस्सी के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा यहां ममीकरण की प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाली कुछ बची सामग्री भी मिली है। यहां पुरातत्वविदों को तीन मीटर लंबा लकड़ी का टुकड़ा भी मिला है।

पुरातत्वविदों ने पास में ही एक ढांचे की भी खोज की है, जिसका उपयोग ब्रेड बनाने, मिट्टी के बर्तन बनाने और पानी का संरक्षण करने के लिए किया जाता था। साथ ही वैज्ञानिकों को दो अंगूठियां भी मिली हैं, जिनमें से एक पर अमेनहोटप तृतीय का नाम मढ़ा हुआ है। अमेनहोटप एक फारो व तुतनखामुन के दादा थे और इनकी कब्र पश्चिमी घाटी में स्थित है। दूसरी अंगूठी के बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि वह अंगूठी शायद किसी रानी की अमानत थी।

हावास का कहना है कि उन्हें भविष्य में अमेनहोटप तृतीय के बाकी परिवार वालों की कब्रें मिलने की उम्मीद है। उन्होंने आगे बताया कि वैली ऑफ किंग्स के पूर्वी भाग में रामेसेस तृतीय की कब्र के पास 10 मिट्टी के पात्र मिले हैं, जिन पर कुछ प्राचीन लेख लिखे हुए हैं। रामेसेस तृतीय ने 1186 ईसा. पूर्व से 1155 ईसा. पूर्व तक राज किया था। हवास ने कहा कि मिट्टी के पात्रों पर लिखे लेखों का अनुवाद कार्य शुरू हो गया है, लेकिन पुरातत्वविदों के अनुसार कम से कम एक लेख में एक मजदूर जो उस परिसर में काम करने कैसे पहुंचा, इस बात का उल्लेख है। उन्होंने आगे बताया कि रामेसेस सातवां, जिसने 1136 ईसा. पूर्व से 1129 ईसा. पूर्व तक राज किया, उसकी कब्र के पास 3,300 वर्ष पुराने झोपड़ों के अवशेष मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, इन झोपड़ों का प्रयोग उपकरणों के संरक्षण के लिए किया जाता था।

फारो की कब्र के पास दो महिलाओं की ममी के अवशेष मिले हैं, साथ ही मूर्तियां भी मिली हैं। प्राचीन मिस्र के लोग मानते थे कि ममियों के साथ इंसान जैसी दिखने वाली मूर्तियां ताबूत में छोड़ने से मृत्यु के बाद पुनर्जन्म में यह मूर्तियां उस मृत व्यक्ति की सहायता करती हैं। इन इंसान जैसी दिखने वाली मूर्तियों को शब्ति कहते थे। दोनों महिलाओं की ममियां किसकी हैं, इस बात का पता अभी तक नहीं चल पाया है।

हावास के अनुसार, इन सारी महत्वपूर्ण खोजों से कब्रों का निर्माण करने वाले मजदूरों के जीवन के बारे में जानकारी मिली है और शाही खानदान से संबंधित और कब्रें मिलने के रास्ते भी खुल गए हैं। मिस्र के वर्तमान मंत्री खालिद अल-अनानी ने एक समाचार वार्ता में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एक दिन वह सारी शाही व खास लोगों की कब्रें खोज लेंगे। उत्खनन के कार्य में अभी वर्षों लगने का अनुमान है।

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