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UP में CM के नाम से पहले जानिए मंत्रियों के नाम, मोदी सरकार की पूरी लिस्ट हुई लीक

लखनऊ: यूपी में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद एक अब तक भाजपा में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही माथापच्ची अब ख़त्म हो चुकी है. आज प्रदेश में बीजेपी के विधायाकों की बैठक होनी है. माना जा रहा है कि रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को यूपी का दारोमदार सौंपा जाना लगभग तय हो चुका है, बस औपचारिक ऐलान ही बाकी है जो बैठक के बाद सामने आ जाएगा. इस उधेड़बुन से निककते ही मनोज सिन्हा के राज में मंत्री पद हासिल करने की भी होड़ शुरू हो गई है. गृह विभाग से लेकर तमाम प्रमुख विभागों पर कई नेताओं की नजर जमी हुई है. जिसमे बुंदेलखंड, पूर्वांचल में कमल खिलाने वाले कई नेता शामिल हो गए हैं.

UP में CM के नाम से पहले जानिए मंत्रियों के नाम, मोदी सरकार की पूरी लिस्ट हुई लीक

मुख्यमंत्री के चेहरे के बाद भाजपा सरकार यूपी कैबिनेट में मंत्रियों के चेहरे में सामंजस्य बिठाता नजर आ रहा है.  भाजपा में विधायकों की भारी भीड़ में मंत्री चुनना भी पार्टी के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होने वाला.

पार्टी में कुछ नेता ऐसे हैं, जो वर्षों से प्रदेश में पार्टी का चेहरा बने हुए हैं, वहीं कुछ नए दावेदार भी बनकर उभरे हैं, जो पहली बार विधानसभा पहुंचे. वही इस बार यूपी में कमल खिलाने वाली महिला विधायक भी इस रेस में शामिल हैं.

भाजपा से इस बार 34 महिला विधायकों ने विधानसभा में इंट्री की है. कुछ नाम ऐसे हैं, जो भाजपा की जीत का प्रमुख चेहरा बने हैं. इनमें अमेठी में गरिमा सिंह और लखनऊ में मुलायम के भतीजे को हराने वाली स्वाति सिंह का नाम प्रमुख हैं. इसके अलावा सपा से भाजपा आए महेंद्र अरिदमन सिंह की पत्नी पक्षालिका सिंह भी मंत्री पद के प्रमुख दावेदारों की सूची में हैं.

पुरेने रसूखदारों को आधार मानें तो सुरेश खन्ना, राधा मोहन दास अग्रवाल, हृदयनारायण दीक्षित, सतीश महाना, श्रीकांत शर्मा, पंकज सिंह, सिद्धार्थनाथ सिंह, धर्म पाल सिंह, कृष्णा पासवान, राजेश अग्रवाल, वीरेंद्र सिंह सिरोही, रमापति शास्त्री, अक्षयवर लाल, आशुतोष टंडन, वेद प्रकाश गुप्ता, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी मंत्री पद के दावेदार बनते हैं.

लेकिन सबसे बड़ी एहम बात ये है कि इस बार भाजपा ने कानून व्यवस्था सुधारने को लेकर घोषणापत्र में तमाम वादे किए हैं जिस वजह से प्रदेश में गृहमंत्री का पद भी सामने आ सकता है.

गौरतलब है कि चुनाव के दौरान बलिया की रैली में पीएम मोदी ने सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में जगह देने की बात कही है. तो साफ़ है कि कैबिनेट में भी गठबंधन को जगह मिलेगी.

भाजपा में विधानसभा अध्यक्ष का चयन भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इनमें सुरेश कुमार खन्ना, राधा मोहन दास अग्रवाल, सतीश महाना, हृदयनारायण दीक्षित अहम दावेदार माने जा रहे हैं.

मंत्री पद के दावेदारों की बात करें तो कई नेता ऐसे भी हैं, जो चुनाव से पहले ही दल बदलकर पार्टी में शामिल हुए और चुनाव भी जीते. इनमें बसपा से आए स्वामी प्रसाद मौर्य, बृजेश पाठक, कांग्रेस से आईं डॉ रीता बहुगुणा जोशी और सपा से आए महेंद्र अरिदमन सिंह प्रमुख हैं. वहीं पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह और रालोद के विधानमंडल दल के नेता रहे दलवीर सिंह की भी दावेदारी प्रमुख है.

इसके अलावा अगर बुंदेलखंड की बात करें तो वहां भाजपा ने पहली बार शानदार जीत दर्ज की है. इससे यहां के भाजपा विधायकों की दावेदारी मजबूत होती दिख रही है.

वही पीएम के विधानसभा क्षेत्र वाराणसी से भाजपा ने सभी सीटों पर जीत का परचम लहराया है, जिसके बाद माना जा रहा है कि यहां से भी एक नेता मंत्री पद में जगह बना सकता है. वाराणसी के अलावा पूर्वांचल में बेहतर प्रदर्शन के चलते यहां के प्रमुख नेताओं में मंत्री पद की आस जग गई है.

 

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