मैं रोल मॉडल्स से प्रेरणा लेता हूं, कॉपी नहीं करता : शुभमन गिल
नई दिल्ली 13 सितंबर। शुभमन गिल से जब उन्हें लेकर हो रही चर्चाओं के बारे में बात की जाती है तो वह शरमाते हुए जवाब देते हैं, मैं इन सब बातों के बारे में नहीं सोचता। मेरा ध्यान सिर्फ मेरी ट्रेनिंग पर है। 20 वर्षीय एक बल्लेबाज से आप इसी तरह के जवाब की उम्मीद करते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ता है आप समझ पाते हैं कि इस युवा चेहरे पर पीछे एक ठहराव और कुछ करने की लगन है। फरवरी 2018 में जब भारत ने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता तो दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपनी प्रतिभा और नैसर्गिक आक्रमक खेल से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। शुभमन की उम्र करीब सात साल थी जब भारत ने 2007 वर्ल्ड टी20 का खिताब जीता। महेंद्र सिंह धोनी की टीम के हाथ में ट्रोफी देखकर उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लेना शुरू किया।
क्रिकेट को लेकर उनकी पहली याद सचिन तेंडुलकर के बल्ले से निकले स्ट्रेट ड्राइव से जुड़ी है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में शुभमन उन पलों को याद करते हुए कहते हैं- ज्यादा तो नहीं याद लेकिन मुझे सचिन सर का स्ट्रेट ड्राइव मुझे जरूर याद है। मैं इसे देखकर रोमांचित हो जाता। जैसे-जैसे शुभमन ने खेल की दुनिया में अपना सफर आगे तय करना शुरू किया उनके कवर ड्राइव में विराट कोहली की झलक नजर आने लगी। इस पर उनकी राय साफ है। वह कहते हैं, मेरे रोल मॉडल्स हैं। मैं विराट भैया के वर्क एथिक्स से सीखना चाहता हूं लेकिन मुझे मालूम है कि हर खिलाड़ी अलग होता है और आप किसी की नकल नहीं कर सकते। गिल कहते हैं, मैं जानता हूं कि मैं पहली बॉल से हिट कर सकता हूं लेकिन साथ ही मुझे बड़ी पारियां खेलने का हुनर भी आता है। यह सब हालात पर निर्भर करता है। आजकल आपमें पहली ही गेंद से हिट करने की काबिलियत होनी चाहिए। उन्हें साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए टीम में चुना गया। चूंकि वह हर प्रारूप में रन बना रहे थे इसलिए इसकी उम्मीद की जा रही थी। लेकिन एक युवा के लिए इस तरह की चिंता से लडऩा हमेशा मुश्किल होता है। उन्होंने कहा, मेरे जेहन में इसका ख्याल जरूर आया। लेकिन मैं पूरे साल इतना क्रिकेट खेल रहा हूं कि मुझे लगातार इसके बारे में सोचने का वक्त ही नहीं मिलता। गिल एक खिलाड़ी के रूप में अपने विकास के लिए ए टीमों के साथ अपने दौरों को बहुत मददगार मानते हैं। गिल 17 साल के थे जब उन्हें पंजाब की रणजी टीम में चुना गया। यहां उनकी मुलाकात 2007 वर्ल्ड टी20 की विजेता टीम के अहम खिलाडिय़ों- युवराज सिंह और हरभजन सिंह रहे। एक किशोर खिलाड़ी के लिए इन दिग्गजों के साथ खेलना बड़ी उपलब्धि थी। गिल कहते हैं, मैंने इन बड़े खिलाडिय़ों से अभिभूत न होने की कोशिश की। उन्होंने मेरी बहुत मदद की। युवी पा मेरी प्रेरणा हैं। उनका सफर, सेहत के साथ उनका संघर्ष और खेल के प्रति उनका रवैया काफी प्रेरणादायी है। इन सबने मुझे टॉप स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार होन में काफी मदद की।
इसके बाद राहुल द्रविड़ का नंबर आता है जिन्होंने पिछले दो साल में शुभमन के साथ काफी वक्त बिताया है। द्रविड़ ने भी इस युवा खिलाड़ी की तरक्की के बारे में काफी खुलकर बात की है। शुभमन भी द्रविड़ की खुलकर तारीफ करते हैं। वह कहते हैं, राहुल सर ने हमेशा एक अच्छा इंसान बनने के बारे में बात की। खेल के कारण मैं अपनी 12वीं क्लास पास नहीं कर पाया हूं लेकिन मैं बेसिक एजुकेशन जरूर पूरी करनी चाहूंगा। कहते हैं, शुभमन का सफर क्रिकेट के इर्द-गिर्द ही रहा है। शुभमन अपने क्रिकेटीय सफर को आगे बढ़ा सकें इसलिए उनके पिता जलालाबाद से चंड़ीगढ़ से आ गए। उन्होंने कहा, मेरे माता-पिता ने कभी पढ़ाई को लेकर मुझ पर दबाव नहीं बनाया। जब मैं सात साल का था तो मेरे पिता ने मेरी प्रतिभा को पहचाना और तभी उन्होंने चंडीगढ़ शिफ्ट होने का फैसला किया। उन्होंने काफी त्याग किए। ये बातें करते-करते शुभमन की आवाज का भारीपन बता रहा था कि वह भावुक हो रहे हैं। उन्होंने कहा, जब भी मैं मुश्किल में होता हूं तो अपने पिता के पास जाता हूं। हालांकि मुझे उनके साथ सब बातें साझा करने का वक्त नहीं मिलता। वह हमेशा इस बात का ध्यान रखते हैं कि आईपीएल की वजह से मुझे मिले पैसे और नाम मेरा ध्यान न भटके।
क्रिकेट के अलावा शुभमन को रैकेट स्पोर्ट्स जैसे स्च्ैश और टेनिस पसंद हैं। उन्होंने कहा कि ये मुझे तनाव से मुक्त होने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि वह बाकी खेल ज्यादा फॉलो नहीं करते लेकिन नेमार को जरूर करते हैं। वह जिस भी टीम से खेलते हैं मैं उसका समर्थन करता हूं।