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मोदी ने की पशुपतिनाथ की पूजा

modi prayकाठमांडू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वह यहां पशुपतिनाथ मंदिर में प्रार्थना कर स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने मंदिर में प्रार्थना की और इसके परिसर में 400 बिस्तरों वाले धर्मशाला के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का अनुदान दिया और 2,500 किलोग्राम चंदन की लकड़ी भी अर्पित की। मोदी ने मंदिर में अपनी मौजूदगी की तस्वीर भी ट्विटर पर साझा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांचवीं सदी के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। भगवान शिव के मंदिर में मोदी करीब 45 मिनट तक रहे। मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण महीने के सोमवार के दिन दर्शन किए, जिसका धार्मिक तौर पर काफी महत्व है। उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर ट्रस्ट को 2500 किलोग्राम चंदन दान किया। यह हिंदू मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडो के तीन किलोमीटर उत्तर पश्चिम में देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव के पशुपति स्वरूप को समर्पित है। हर साल हजारों लोग इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं जिनमें से अधिकतर संख्या भारत के लोगों की होती है। मंदिर में भारतीय पुजारियों की काफी संख्या है। सदियों से यह परंपरा रही है कि मंदिर में चार पुजारी और एक मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के ब्राह्मणों में से रखे जाते हैं। स्थानीय किंवदंती विशेष तौर पर नेपालमहात्म्य और हिमवतखंड के अनुसार भगवान शिव एक बार वाराणसी के अन्य देवताओं को छोड़कर बागमती नदी के किनारे स्थित मगस्थली चले गए। भगवान शिव वहां पर चिंकारे का रूप धारण कर निद्रा में चले गए। जब देवों ने उन्हें खोजा और उन्हें वाराणसी वापस लाने का प्रयास किया, तो उन्होंने नदी के दूसरे किनारे पर छलांग लगा दी। इस दौरान उनका सींग चार टुकड़ों में टूट गया। इसके बाद भगवान पशुपति चतुर्मुख लिंग के रूप में प्रकट हुए। मोदी के दर्शन करने के बाद एक पुजारी ने बताया कि मोदी की विशेष पूजा में 150 पुजारियों ने हिस्सा लिया जिसके दौरान मोदी ने रूद्राभिषेक और पंच अमत स्नान सम्पन्न किया। भगवा वस्त्र पहने मोदी मंदिर से रुद्राक्ष की माला पहने हुए निकले। प्रधानमंत्री ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा मंदिर अद्वितीय है। भगवान शिव की नगरी काशी से लोकसभा के लिए पहली बार निर्वाचित हुए मोदी ने लिखा, पशुपतिनाथ और काशी विश्वनाथ (वाराणसी) एक ही हैं। मैं अत्यंत भावुक हूं और मैं प्रार्थना करता हूं कि पशुपतिनाथ का आशीर्वाद दोनों देशों को प्राप्त होता रहे, जो नेपाल और भारत एकसाथ जोड़ता भी है।

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