जीवनशैली

ये 5 सवाल खुद से जरूर करें, दब्बू से बन जाएंगी बोल्ड

दस्तक टाइम्स एजेन्सी/  happy-women-5577e4aab791a_lअगर कोई आपसे यह पूछे कि क्या आप खुश रहना चाहती हैं तो आपको लगेगा कि सामने वाला पागल हो गया है, यह भी कोई पूछने की बात है। आप अपनी खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं? दरअसल यह सवाल आपको रुक कर सोचने का मौका देगा और इस बात का गंभीर रूप से अहसास कराएगा कि आप किसी भी हाल में खुश रहने के लिए क्या कुछ कर सकती हैं, क्योंकि कई बार खुशी कुछ बोल्ड बदलाव मांगती है। जिंदगी में कई बार ऐसे मौके या परिस्थिति आ जाती है, जब खुश रहना वाकई मुश्किल होता है, ऐसे में खुश रहने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है और कुछ अप्रिय फैसले करने होते हैं।

1- क्या आप प्रभावी बदलाव के लिए तैयार हैं?

य ह सही है कि कोई भी बदलाव डराने वाला होता है। चाहे यह बदलाव सामाजिक स्थिति में हो, वैवाहिक स्तर पर हो या कॅरियर में हो। अगर आप खुश नहीं हैं तो आपको इन चीजों में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। कई बार यह बदलाव बहुत छोटा भी होता है, जैसे अपने किशोर बेटी या बेटे से किए जाने वाले व्यवहार में परिवर्तन। इस बदलाव का मतलब दोस्त खोना भी हो सकता है, बड़े घर से छोटे घर में जाना भी हो सकता है या किसी से नाता तोडऩा भी। आपको हर उस बदलाव के लिए तैयार रहना होगा, जो खुशी की ओर ले जाता है।

2- क्या आप अपना डर स्वीकार करने के लिए तैयार हैं?

क्या आप स्पष्ट कर सकती हैं कि आपको किन चीजों से वाकई डर लगता है और आप इन सभी डरों को स्वीकार कर सकती हैं? आपको ये डर न केवल अपने सामने, बल्कि दोस्तों और परिवार के सदस्यों के सामने स्वीकारने होंगे। यह एक तरीका है खुद के प्रति ईमानदार बनने का और ईमानदार बनने की यह प्रक्रिया आपके भीतर जबरदस्त बदलाव लाएगी।

3- क्या अपने आपको प्राथमिकता देने के लिए तैयार हैं?

अपने बारे में सोचना स्वार्थी होना नहीं है, यह अपने आपको बचाए रखना है। महिलाएं हमेशा सभी को कुछ न कुछ देने के बारे में ही सोचती हैं। वे परिवार को बड़ा करने और अपने हमसफर को सहारा देने के लिए अपने सपनों को मारती जाती हैं। आप अपनी खुशी के लिए कुछ वक्त निकालें। अपने आपको प्राथमिकता देने का मतलब है कि आप अपने दोस्तों के साथ लंच करें या एक्सरसाइज करें। अपने मरे हुए सपनों को फिर से जिंदा करें और खुद की शर्तों पर जिंदगी जीने की तमन्ना करें।

4- क्या आप अपने आप में निवेश के लिए तैयार हैं?

इ सका मतलब है कि आपको शारीरिक, भावनात्मक और आर्थिक निवेश करना है और वो भी खुद के लिए। महिलाओं का शेड्यूल इस तरह से होता है कि उनकी पारिवारिक और मां वाली जिम्मेदारियां अच्छे से निभ जाएं। वे बच्चों को किसी भी चीज के लिए न नहीं कहतीं, चाहे उनकी इच्छा पूरी करने के लिए खुद कितने ही तनाव में आ जाएं।

5- क्या आप मदद मांगने के लिए तैयार होंगी?

म हिलाओं को अक्सर यह स्वीकारने में शर्म आती है कि उन्हीं किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ रहा है। असल में हर किसी को यही लगता है कि केवल वही समस्या से जूझ रहा है, लेकिन जैसे ही आप अपनी समस्या किसी को बताएंगी, आपको महसूस हो जाएगा कि आपकी जैसी ही समस्या किसी और की भी है।                  

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