लखनऊ

रिपोर्ट में हुआ खुलासा, देश में बिक रहा 68 फीसदी दूध मिलावटी

milk_1457166520देश भर में बिकने वाला 68 फीसदी दूध मिलावटी है। इसका खुलासा फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) की रिपोर्ट से हुआ है। मिलावटी दूध की बिक्री रोकने के लिए राज्य सरकारों की अगुवाई में आंदोलन चलाए जाने की जरूरत है। 
 

ये बातें केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मंगलवार को कहीं। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर के मीडियाकर्मियों से मुखातिब थे। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग पर बजट खर्च न करने के लगाए जा रहे आरोपों को बेबुनियाद बताया।

उन्होंने कहा, दूध में मिलावट का पता करने के लिए काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) ने एक ऐसा यंत्र विकसित किया है, जिसकी लागत 70 हजार रुपये है। इससे एक टेस्ट पर महज 5-10 पैसे खर्च आता है। 

मौजूदा समय में देश के 50 जगहों पर इस यंत्र का इस्तेमाल हो रहा है। मिल्क कलेक्शन सेंटर और हाउसिंग सोसाइटी जैसी जगहों पर इसका उपयोग करके बेहतर परिणाम पाए जा सकते हैं। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकारों के साथ ही उनके पशुपालन विभागों को भी पत्र लिखा है। 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि केंद्र सरकार एरोमा मिशन के तहत बुंदेलखंड समेत पूरे उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक काम कराने के लिए तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जापानी इंसेफ्लाइटिस से होने वाली मौतों को रोकने के लिए केंद्र सरकार काफी काम कर रही है। 

इसे रोकने के कारगर उपायों के लिए अटलांटा के वैज्ञानिकों से संपर्क किया गया है। केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत मिशन के तहत सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। मानसून के बारे में भविष्यवाणी का सटीक सिस्टम भी विकसित किया है। छात्रों को दी जाने वाली फेलोशिप में 50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि विज्ञान के प्रोत्साहन के लिए सरकार काफी काम कर रही है। बच्चों के लिए हर साल नेशनल साइंस कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें क्लाइमेट चेंज जैसे विषयों पर भी चर्चा होती है। साइंस एक्सप्रेस ट्रेन से देश के लाखों बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।

 
 

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