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रोज रात 3 बजे तक पति करता रहता था ये काम, और फिर बोल दिया तलाक-तलाक-तलाक

एक बार में तीन तलाक को आपराधिक मामला (क्रिमिनल ऑफेंस) के दायरे में लाने के लिए सरकार गुरुवार को लोकसभा में बिल पेश करेगी। जिसे ‘द मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज’ नाम दिया गया है। ऐसे में आपको कानुपर की तलाक पीड़िता सोफिया की दर्द भरी दास्तां सुनाने जा रहा है।

सोफिया बताती हैं मुझे रात तीन बजे एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर फेंक दिया गया था। वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकती।रोज नई लड़कियों से रिलेशन बनाना आदत हो गई थी उसकी चेन्नई की रहने वाली सोफिया अहमद ने बताया 12 जून 2015 को मेरी शादी सपा विधायक गजाला लारी (बहन) के भाई शारिक अराफात से हुई। शादी के बाद हम दोनों यूपी के कानपुर में रहने लगे। शारिक लेदर का बिजनेस करता है।शादी के 10वें दिन से पति का जुल्म शुरू हो गया।

उसे शराब और लड़कियों की लत लग चुकी थी। रोजाना नई-नई लड़कियों से रिलेशन बनाना उसकी आदत बन चुकी थी। जब मैंने इसका विरोध किया, तो उसने मुझपर हाथ उठना शुरू कर दिया। घरवालों के सामने वो मुझे मारता-पीटता था, लेकिन मेरे फेवर में कोई नहीं बोला। उसकी हर गलत आदत के बारे में घरवालों को पता था। इतना ही नहीं शादी के बाद जब वो प्रेग्नेंट हुई, तब पति और सास ने बेटी के बजाय बेटा देने का दबाव बनाया था।

आरोप है कि प्रेग्नेंसी के 6 महीने के दौरान भी पति बुरी तरह से उसे पीटता था।शराब पीकर आया था पति और रात 3 बजे तलाक-तलाक-तलाक बोल निकाल दिया बाहर 13 अगस्त 2016 को शारिक नशे की हालत में घर आया। रात के करीब 2 बजे थे। वो इतने नशे में था कि चल भी नहीं पा रहा था।उस रात भी उसने मुझे मारा-पीटा और हर तरह से टॉर्चर किया। आखि‍र में तलाक-तलाक-तलाक बोलकर रात के 3 बजे मुझे एक महीने के बच्चे के साथ घर से बाहर निकाल दिया।उसके बाद उसने कभी भी मेरी खबर नहीं ली।इसकी तहरीर जब स्वरूप नगर पुलिस स्टेशन में देने गई तो सपा विधायक के घर का मामला होने के कारण समझौता करने की बात कह कर पुलिसवालों ने भगा दिया।

इस्लाम के खि‍लाफ नहीं हूं, लेकिन इसका हो रहा मैं इस्लाम के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन सरकार से यही उम्मीद करती हूं कि ट्रिपल तलाक पर कोई सख्त कानून बने। क्योंकि इसका बहुत मिस यूज हो रहा है। मेरे जैसी हजारों लड़कियां इस तकलीफ को झेलती हैं।

मुझे रात में 3 बजे घर से निकला गया। 1 महीने का बच्चा लेकर मैं किस तरह निकली वहां से, क्या ये सही था। इस्लाम ये नहीं है। हालांकि, बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया। इसलिए मैंने पार्टी ज्वाइन कर ली। अब इसी मुद्दे पर काम कर रही हूं।

मैं खुशनसीब हूं कि मेरी पूरी फैमिली मेरे साथ है।मैं पढ़ने में बहुत अच्छी थी। बीकॉम किया, लेकिन शादी होने के बाद पढ़ाई जारी नहीं रख पाई। लेकिन अब आगे की पढ़ाई के बारे में सोच रही हूं।

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