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श्रीलंका चुनाव: सिरिसेना आगे, राजपक्षे ने स्वीकारी हार

rajpaksheकोलंबो। : श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने देश में राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों में विपक्षी उम्मीदवार मैत्रीपाला सिरीसेना की जबर्दस्त बढ़त के बीच आज अपनी हार स्वीकार कर ली और अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया। राजपक्षे के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया, राष्ट्रपति राजपक्षे ने जनादेश का सम्मान करते हुए टेम्पल ट्रीज छोड़ दिया है। अंतिम परिणाम अभी घोषित किया जाना है। बढ़त को देखते हुए सिरीसेना के करीब चार लाख वोटों से जीतने की उम्मीद है। बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति ने विपक्ष के मुख्य नेता रानिल विक्रमसिंघे से बात की और नए राष्ट्रपति के बिना किसी बाधा के कार्यभार संभालने के लिए शुभकामना व्यक्त की। रिकॉर्ड तीसरी बार राष्ट्रपति बनने की उम्मीद करने वाले राजपक्षे को चुनाव में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा। श्रीलंका के लोगों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में कल मतदान किया था। चुनाव अधिकारियों ने अधिकतर स्थानों पर 65 से 70 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान व्यक्त किया।
चुनाव में 19 उम्मीदवार थे। लेकिन मुख्य मुकाबला दो बार राष्ट्रपति रहे 69 वर्षीय राजपक्षे तथा उनके पूर्व मंत्रिमंडल सहकर्मी 63 वर्षीय सिरीसेना के बीच था। राजपक्षे ने छह साल के तीसरे कार्यकाल के लिए जीत की उम्मीद से तय समय से दो साल पहले ही राष्ट्रपति पद का चुनाव कराने का फैसला किया था। वह तब आश्चर्यचकित रह गए जब पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सिरीसेना चुनाव के फैसले के एक दिन बाद सरकार छोड़कर राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बन गए। इससे लंबे समय से निराश विपक्ष को नयी उर्जा मिल गई। राजपक्षे लगभग एक दशक तक श्रीलंका के निर्विवाद नेता रहे। लेकिन देश सिंहली बहुसंख्यकों और तमिल अल्पसंख्यक समूहों के बीच बंटा है। विपक्ष ने अपने प्रचार अभियान के दौरान राजपक्षे पर भाई भतीजावाद, कुशासन, भ्रष्टाचार और निरंकुशता के आरापे लगा। राजपक्षे के भाई-गोताभाया और बासिल क्रमश: रक्षा एवं वित्त मंत्री हैं। इसके अतिरिक्त उनके परिवार के कई सदस्य महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। मुख्य विपक्षी दल यूनाइटेड नेशनल पार्टी और जेएचयू या बुद्धिस्ट मोंक पार्टी से अलग हुए समूह द्वारा समर्थित सिरीसेना की श्रृंखलाबद्ध संवैधानिक और लोकतांत्रिक सुधारों की योजना है।

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