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सारा देश शिवमय ; आज सावन का पहला सोमवार, शिवालयों में विशेष तैयारी

पूरा देश शिवमय हो चला है। शिव आस्था के प्रमुख केंद्रों पर रविवार को ही देश-दुनिया से भक्तों का जुटना प्रारंभ हो गया था। अमरनाथ, केदारनाथ, नीलकंठ महादेव, काशी विश्वनाथ, बाबा बैद्यनाथ, महाकाल और ओंकारेश्वर सहित देशभर मेंशिवालयों की रौनक देखते बन रही है।

बाबा बैद्यनाथ : सवा लाख भक्त करेंगे जलाभिषेक
देश-विदेश के कोने-कोने से देवघर, झारखंड में बाबा बैद्यनाथ का जलाभिषेक करने के लिए लाखों शिवभक्त जुट गए हैं। शिवभक्तों के स्वागत में बाबा नगरी पूरी तरह से तैयार है। उम्मीद है कि आज सवा लाख से अधिक भक्तों कोबाबा की पूजा-अर्चना करने का सौभाग्य मिलेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए देवघर ही नहीं देश के कई हिस्सों से यहां आकर सेवा देने वाले शिवभक्त भी पुख्ता तैयारी कर उनके स्वागत के लिए पलकें बिछाए हैं। बिहार के सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा से जल लेकर आने वाले कांवडि़यों को 150 किमी यात्रापथ में हर सुविधा दी गई है।

ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन : आज पहली सवारी
परंपरानुसार श्रावण के हर सोमवार और भादौ मास के दो सोमवार को राजाधिराज भगवान शिव पालकी में सवार होकर प्रजाजनों का हाल जानने निकलते हैं। इस साल श्रावण मास की पहली सवारी आज शाम चार बजे निकलेगी। हजारों आस्थावान अपने राजा की एक झलक पाने के लिए लालायित रहेंगे। महाकालपुरी में श्रावण के उल्लास के बीच देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ के आंगन में भक्तों का रेला लगना शुरू हो गया है।

पवित्र मास के पहले रविवार को तड़के भगवान महाकाल को भस्मी चढ़ते देखने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह 11 बजे तक करीब 9 हजार श्रद्धालुओं ने अवंतिकानाथ के दर्शन कर लिए थे। सुबह अभिषेक-पूजन के बाद विशेष श्रृंगार हुआ। फिर भगवान को भस्मी अर्पित की गई। यह अद्भुत दृश्य को देखते ही मंदिर परिसर जय श्री महाकाल.. के जयघोष से गूंज उठा। 26 अगस्त को शाही सवारी का विशेष आयोजन होगा।

अमरनाथ : आज 70 हजार भक्त करेंगे बाबा बर्फानी के दर्शन
समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा में हिमलिंग के दर्शनों के लिए हर कोई लालायित रहता है। अमरनाथ यात्रा हो और सावन का पहला सोमवार तो बहुत कम श्रद्धालुओं को दर्शनों का सौभाग्य मिलता है। इस दिन अमरनाथ की पवित्र गुफा में भी विशेष पूजा होती है। श्रद्धालुओं का प्रयास रहता है कि सावन के पहले सोमवार को ही बाबा बर्फानी के दर्शन हों।

इस बार अच्छी बात यह है कि यात्रा के बीस दिन बाद भी बाबा बर्फानी पवित्र गुफा में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे हैं। मौसम अनुकूल होने के कारण श्रद्धालुओं को भी कोई परेशानी नहीं हो रही है। सोमवार को भी मौसम ठीक रहने की संभावना जताई गई है।

श्रीनगर के शंकराचार्य मंदिर में भी विशेष तैयारियां की जा रही हैं। यह कश्मीर घाटी का सबसे पुराना शिव मंदिर है। इस मंदिर में भी सावन के महीने में दर्शन करने वालों की भीड़ होती है। इन सभी मंदिरों में तैयारियां चल रही हैं।

केदारनाथ धाम : ब्रहमकमल करेंगे अर्पित
केदारनाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर विशेष दर्शनों को भक्तों का जुटना पहले ही शुरू हो चुका था। श्रावण मास में भोले के भक्त उच्च हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाले ब्रह्मकमल फूल लाकर चढ़ाते हैं। इस पुष्प को भक्त करीब पंद्रह हजार फीट की ऊंचाई पर हिमालयी क्षेत्र से लेकर आते हैं। पौराणिक काल से यह परंपरा चली आ रही है। मंदिर समिति के कार्याधिकारी एमपी जमलोकी बताते हैं कि श्रावण मास में केदारनाथ मंदिर में विशेष पूजाएं होती हैं। समिति यहां शिव कथा का आयोजन भी कर रही है।

ओंकारेश्र्वर : ओंकार के दर्शन के लिए उमड़ रही आस्था
मप्र के खंडवा में ओंकार पर्वत पर नर्मदा किनारे स्थित ओंकारेश्र्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शनों को देशभर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्र्वर और ममलेश्र्वर के दर्शन के साथ ही नर्मदा स्नान कर भक्तधन्य हो रहे हैं। रविवार सुबह से ही ओंकारेश्र्वर मंदिर में भक्तों की कतार लग गई थी। करीब एक घंटे में ओंकारेश्र्वर मंदिर में भक्तों को दर्शन हुए। भक्तों को ज्योतिर्लिंग पर सीधे जल, फूल, बिल्व पत्र नहीं चढ़ाने दिया जा रहा है। पंडितों द्वारा इसे अर्पित कराए जाने की व्यवस्था है।

श्रीनीलकंठ महादेव : आज जुटेंगे एक लाख श्रद्धालु
पौड़ी जिले के यमकेश्र्वर प्रखंड में मणिकूट पर्वत की तलहटी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर स्थित है। श्रावण मास की कावड़ यात्रा में यहां प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस वर्ष भी कावड़ यात्रा को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिर समिति को सोमवार के जलाभिषेक के लिए यहां करीब एक लाख से अधिक कांवडि़यों के पहुंचने की उम्मीद है। जिसके लिए सुरक्षा प्रबंधन भी किए गए हैं। आसपास के स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है।

हरिद्वार : सज गई धर्मनगरी
चहुंओर बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। शिवालयों की साज सज्जा देखते ही बन रही है। दक्षनगरी में भी तैयारियों जोरों पर है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भोले शंकर श्रावण मास में अपनी ससुराल दक्षनगरी कनखल में विराजते हैं। इसलिए हरिद्वार में सावन का महत्व और बढ़ जाता है। दक्षेश्र्वर महादेव मंदिर में भी श्रावण के पहले सोमवार पर जलाभिषेक को विशेष तैयारियां की गई हैं। इधर, हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड से कांवड़ यात्री जल भरकर अपने घरों को लौट रहे हैं। अब तक 25 लाख कांवड़ यात्री जल लेकर जा चुके हैं।

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