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सावन का पहला सोमवार कल, जानिये कैसे करें भगवान शिव को प्रसन्न

नई दिल्ली: सावन का पहला सोमवार कल यानी कि 26 जुलाई को है. सावन के पहले सोमवार की हिंदू धर्म में बहुत महिमा है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. सुबह से ही भक्त मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र चढ़ाते हैं. हालांकि कोरोना काल के चलते इस बार भक्त घर पर ही सावन सोमवार की पूजा अर्चना करेंगे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे दिन से सावन सोमवार व्रत करता है और भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करता है उसपर भोलेशंकर भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद बना रहता है. अविवाहित लोग अगर सावन के 16 सोमवार का व्रत करें तो उन्हें योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं सावन सोमवार व्रत की पूजा सामग्री और भगवान शिव का मंत्र…

सावन के पहले सोमवार में भगवान शिव की पूजा के लिए स्फटिक का शिवलिंग या मिट्टी का शिवलिंग भी ले सकते हैं, फूल, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें,तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री लें.

भगवान शिव का मंत्र
महामृत्युञ्जय मन्त्र: पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान शिव के महामृत्युञ्जय मन्त्र का जाप करने से मृत्यु और भय से छुटकारा प्राप्त होता है. इसके साथ ही जातक दीर्घायु होता है.

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌॥
ॐ नमः शिवाय.
सावन सोमवार व्रत-विधि

सावन सोमवार के दिन जल्दी उठकर स्नान करें.
इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें.
साथ ही माता पार्वती और नंदी को भी गंगाजल या दूध चढ़ाएं.
पंचामृत से रुद्राभिषेक करें और बेल पत्र अर्पित करें.
शिवलिंग पर धतूरा, भांग, आलू, चंदन, चावल चढ़ाएं और सभी को तिलक लगाएं.
प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी-शक्कर का भोग लगाएं.
धूप, दीप से गणेश जी की आरती करें.
आखिर में भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद बांटें.

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