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सीबीआई प्रकरण: अरुण जेटली ने कहा हे कि सीवीसी की होगी निष्पक्ष जांच

नई दिल्ली: देश बहुचर्चित सीबीआई प्रकरण पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है। जेटली ने कहा हे कि सीवीसी की जांच पूरी तरह से निष्पक्ष होगी और इस पर सुप्रीम कोर्ट की नजर रहेगी। वित्त मंत्री ने सीबीआइ की दोनों अफसरों को छुटटी पर भेजने की बात को भी न्यायोचित बताया। उन्होंने कहा सरकार किसी के पक्ष या विरोध में नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हमारी ही बात को आगे बढ़ाया है। जेटली ने कहा कि सच जल्द से जल्द सबके सामने आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ प्रकरण में पारदर्शिता का ख्याल रखा है। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ पदों पर आसीन लोगों को संदेह से परे रखने की बात कही। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच की निगरानी के लिए शुक्रवार को सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए.के.पटनायक की नियुक्ति की। सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही मामले की जांच को पूर्ण करने के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को दो सप्ताह का समय दिया। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.के.कौल व न्यायमूर्ति के.एम.जोसेफ की पीठ ने कहा कि जांच कैबिनेट सचिव के सीवीसी को दिए गए नोट में निहित आरोपों पर की जाएगी। अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने अदालत से कहा कि जांच सिर्फ आलोक वर्मा पर लगे आरोपों पर ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ आरोपों पर भी होनी चाहिए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि हम सिर्फ वर्मा से संबद्ध हैं। अदालत ने अंतरिम निदेशक एम.नागेश्वर राव से रूटीन के अलावा कोई नीतिगत या प्रमुख फैसला नहीं लेने को भी कहा है। अदालत ने राव द्वारा प्रभार संभालने से लेकर आज सुनवाई तक सभी फैसलों को सीलबंद लिफाफे में 12 नवंबर तक अदालत में जमा करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि वह राव के फैसलों को पलट या बनाए रख सकती है।

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