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स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस की आईएनएस विक्रमादित्य पोत पर लैंडिंग

नई दिल्ली : नौसेना के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस ने विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य पर लैंडिंग करके इतिहास रचा है। यह पहली बार है जब कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान किसी विमानवाहक पोत पर उतरा है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन द्वारा बनाया गया यह एयरक्राफ्ट अरेस्टर वायर की मदद से उतरा। नौसेना के साथ मिलकर एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी इस लडाकू विमान को विकसित कर रही है। इस सफल लैंडिंग के बाद रूस, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के बाद भारत विमान वाहक पोत पर अरेस्टिड लैंडिंग कराने वाला छठा देश बन गया है। डीआरडीओ ने बताया कि शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी पूरा होने के बाद आज सुबह 10 बजकर दो मिनट पर नौसेना के तेजस विमान ने आईएनएस विक्रमादित्य पर अरेस्टेड लैंडिंग की। कमोडोर जयदीप मौलंकर ने पहली लैंडिंग कराई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार के सफल परीक्षण के बाद डीआरडो और भारतीय नौसेना को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके कहा, डीआरडीओ द्वारा विकसित एलसीए तेजस की आईएनएस विक्रमादित्य पर पहली लैंडिंग के बारे में जानकर बेहद खुशी हुई। यह सफल लैंडिंग भारतीय लड़ाकू विमान विकास कार्यक्रम के इतिहास में एक शानदार घटना है। नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधावल ने बताया कि अब यह भारतीय नौसेना के लिए ट्विन इंजन डेक आधारित लडाकू विमान के विकास और निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस उपलब्धि के साथ स्वदेशी रूप से विकसित तकनीक से डेक आधारित लड़ाकू अभियान सिद्ध हुए। किसी फाइटर प्लेन को छोटे रनवे जैसे विमानवाहक पोत पर अरेस्टिंग गियर की मदद से लैंड कराया जाता है। इस तकनीक की सफल परीक्षण के बाद नौसेना के एलसीए तेजस को विमानवाहक पोत आइएएनएस विक्रमादित्य पर तैनाती हुई।

पिछले साल सितंबर में विमान ने गोवा में शोर बेस्ड टेस्ट फैसिलिटी पर अरेस्टेड लैंडिंग की। बता दें कि दिसंबर 2016 में नौसेना ने घोषणा की थी कि वह लड़ाकू जेट को शामिल नहीं करेगा। इसका कारण अधिक वजन बताया था, जिससे इसके संचालन में काफी दिक्कत होती।

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