अजब-गजब

हज़ारों साल पुराना मिट्टी का डिस्पोजल कप मिला, अमीर लोग दावतों में करते थे इनका इस्तेमाल

एक बार इस्तेमाल होने वाले कप का इस्तेमाल आधुनिक दुनिया की देन नहीं है, बल्कि हजारों साल पहले भी लोग इसका इस्तेमाल करते थे। दरअसल, ब्रिटेन की राजधानी लंदन के एक संग्रहालय की गैलरी में 3600 साल पुराना बिना हैंडल वाला एक डिस्पोजल कप प्रदर्शनी में रखा गया है। संग्रहालय का दावा है कि मिनोअन सभ्यता के दौरान ग्रीस के क्रेते द्वीप पर चिकनी मिट्टी से बने कपों का इस्तेमाल होता था और एक बार इस्तेमाल करने के बाद उन्हें फेंक दिया जाता था। बताया जाता है कि इस डिस्पोजल कप का निर्माण 1700 से लेकर 1600 ईसा पूर्व के बीच हुआ है। इन कपों का इस्तेमाल करने वाली मिनोअन सभ्यता 2700 से लेकर 1450 ईसा पूर्व तक अस्तित्व में थी।

विशेषज्ञों के मुताबिक, हजारों साल पहले मिट्टी के इन कपों का इस्तेमाल शराब पीने के लिए किया जाता था। ब्रिटिश संग्रहालय की देखरेख करने वाली जुलिया फर्ले ने बताया कि उस समय मुख्य त्याहारों पर दौलतमंद लोग अपनी संपत्ति का दिखावा करने के लिए बड़ी-बड़ी दावतों का आयोजन करते थे और इन्हीं दावतों में मिट्टी के कपों का इस्तेमाल होता था। चूंकि दावतों में बड़ी संख्या में लोग आते थे, लेकिन कोई भी इस्तेमाल हुए बर्तनों को धोना नहीं चाहता था। इसलिए डिस्पोजल कपों का इस्तेमाल किया जाता था।

वैसे कहते हैं कि 90 के दशक से दुनिया में डिस्पोजल कपों का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन हजारों साल पहले के इन कपों को देखकर यह कहा जा सकता है कि उस समय भी इनका इस्तेमाल किया जाता था। हालांकि मिट्टी के इन कपों की जगह अब प्लास्टिक के कपों ने ले ली है, जो पर्यावरण के लिए एक गंभीर खतरा बन गए हैं।

प्लास्टिक प्रदूषण की वजह से समुद्री जीवों की भी संख्या लगातार घटती जा रही है। हाल ही में हिंद महासागर के तटों पर लगभग 10 लाख जूते, 3,70,000 से अधिक टूथब्रश और 40 करोड़ से अधिक प्लास्टिक के टुकड़ों मिले हैं।

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