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मुसलमानों को वोटों की मंडी नहीं, अपना समझें

modi-muslimकोझिकोड । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वैकल्पिक राजनीति शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसकी वकालत जनसंघ के विचारक पं.दीनदयाल उपाध्याय ने भी की थी। पीएम मोदी ने कहा कि उपाध्याय हमेशा सुझाव देते थे कि किसी भी वर्ग के लोगों को उपेक्षित नहीं छोड़ना चाहिए या वोट का उपकरण नहीं समझना चाहिए।

देश में प्रचारित धर्मनिरपेक्षता की विकृत परिभाषा का उल्लेख करते हुए मोदी ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्वज पं. दीनदयाल उपाध्याय को याद किया, जो कहते थे कि मुसलमानों को न तो केवल वोट का उपकरण समझना चाहिए और न ही उनकी उपेक्षा होनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीनदयाल उपाध्याय की शताब्दी समारोह के मौके पर केरल के कोझिकोड में बीजेपी राष्ट्रीय परिषद को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान कहा कि यह देश 125 करोड़ की आबादी वाला है। इस जवानी वाले देश के सपने और संकल्प भी जवान होने चाहिए।

पीएम ने कहा कि वे लोगों के कल्याण में खुद को खपा देंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद राजनीति में गिरावट आई है।  कुछ लोगों के कारण राजनीति के स्तर में गिरावट आई है। राजनीति में दोबारा सम्मान लौटाना जरूरी है।

पीएम मोदी ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय जी कहते थे कि मुसलमानों को पुरस्कृत और तिरस्कृत नहीं किया जाना चाहिए, उन्हें वोट की मंडी ना समझें बल्कि अपना समझें। पीएम ने कहा कि ऐसा माहौल बना दिया गया है कि देशभक्ति को भी कोसा जाता है। हमें समाज के निचले वर्ग का विकास करना है। हमारी विकास यात्रा में कोई पीछे नहीं रह सकता। हमारी विकास यात्रा में कोई पीछे नहीं रह सकता।

पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की जयंती दो अक्तूबर को भारत पेरिस में ‘कान्फ्रेंस आफ पार्टीज’ में हुए निर्णयों का अनुमोदन करेगा। दुनिया ने माना पर्यावरण में भारत को योगदान सबसे ज्यादा। गांधी जी ने पर्यावरण में अविस्मरणीय योगदान दिया। पीएम ने कहा कि भारत सरकार की सभी योजनाओं के केंद्र बिंदु में गरीब है। हमारी सरकार समाज के आखिरी व्यक्ति के कल्याण को प्रतिबद्ध है।

पीएम मोदी ने कहा कि चुनाव सुधार पर मंथन होना चाहिए। अलग-अलग चुनाव होने से देश पर बोझ पड़ता है। किसी का वोट देने से वंचित रहना ही पीड़ादायक । कई चीजों को जोड़कर लोकतंत्र को स्वस्थ किया जा सकता है। देश में चुनाव सुधार पर सेमिनार होने चाहिए। इस पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। आम आदमी को मजबूत बनाने के लिए चुनाव सुधार जरूरी।

 

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