अद्धयात्म

9 मार्च को सूर्यग्रहण पड़ सकता है मोदी सरकार पर भारी

phpThumb_generated_thumbnail (4)दस्तक टाइम्स एजेंसी/जयपुर। देश की जनता को अच्छे दिनों के सुहाने सपने दिखा कर सत्ता में आई मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से अपने बुरे दिनों के खत्म होने का इंतजार कर रही है। साल 2013-14 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में चली मोदी लहर वर्ष 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में थम गई।
 
उसके बाद भूमि अधिग्रहण बिल, व्यापमं घोटाले, ललित-गेट मामले और बिहार विधान सभा चुनावों में विपक्ष की एकजुटता के कारण भाजपा को करारा झटका लगा। वर्तमान में जेएनयू प्रकरण और जाट आरक्षण मामले ने मोदी सरकार की नींद उड़ा दी है। 
 
ज्योतिष के दृष्टिकोण से देखें तो 15 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि में आजाद हुए भारत वर्ष की वृषभ लग्न की कुंडली में इस समय तीसरे घर के स्वामी चंद्रमा की महादशा चल रही है। चंद्रमा की दशा इस कुंडली में जनभावनाओं के उबाल के साथ-साथ देश की सीमाओं पर लम्बे संघर्ष के संकेत दे रही है।
 
गोचर में चल रहे शनि और मंगल वृश्चिक राशि में 20 फरवरी से 16 सितम्बर तक साथ रहेंगे जो कि देश के लिए अराजकता और युद्ध जैसे हालात दर्शाते हैं। वृश्चिक राशि भारत की कुंडली के सप्तम भाव में पड़ती है जो कि मेदिनी ज्योतिष में युद्ध और हिंसा के स्थान हैं। 
 
 
वृश्चिक राशि दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों को दर्शाती है, जो अगले कुछ महीनों में जातीय हिंसा, आतंकवाद और विदेशी जासूसों की धरपकड़ के कारण सुर्खियों का कारण बनेगी। संयोग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सत्तारूढ़ दल भाजपा दोनों की चंद्र राशि भी वृश्चिक है, जो कि इस समय शनि-मंगल के संयुक्त गोचर के कारण बुरी तरह पीडि़त है।
प्रधानमंत्री मोदी का जन्म 17 सितम्बर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनका जन्म लग्न और जन्म राशि दोनों वृश्चिक हैं। वर्तमान में वह चंद्रमा में शनि की अशुभ विंशोत्तरी दशा में चल रहे हैं जो कि उनकी कुंडली में इस वर्ष 5 अक्टूबर तक रहेगी। 
 
अब भाजपा की कुंडली पर दृष्टि डालें तो 6 अप्रेल 1980 को दोपहर 12 बजे दिल्ली में बनी इस पार्टी की कुंडली में मिथुन लग्न उदय हो रहा है और चंद्रमा यहां वृश्चिक राशि में है। भाजपा की कुंडली में सूर्य में बुध की विंशोत्तरी दशा चल रही है जो कि दिसम्बर 2016 तक रहेगी।
 
मृत्युभाग में हो कर दशम भाव में है और बुध नवम भाव में केतु से युत हो कर इस पार्टी के नेताओं के जातीय और धार्मिक विवादों में फंसने का योग बना रहा है। आगामी 9 मार्च को पडऩे वाला सूर्यग्रहण आजाद भारत की कुंडली के दशम भाव, प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के चंद्र लग्न से चतुर्थ भाव को पीडि़त कर देश में उपद्रव, हिंसा और सीमाओं पर तनाव के बढऩे का संकेत दे रहा है। 
इस ग्रहण की राशि कुम्भ पर मंगल की दृष्टि होने के कारण इसका प्रभाव बेहद तीव्र, हिंसक  और आश्चर्यजनक रूप से लम्बे समय तक रहने वाला हो सकता है। 
 
केंद्र की भाजपा सरकार आने वाले कुछ दिनों में आरक्षण आंदोलन और जेएनयू विवाद से जनता का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर सकती है, जो कि जून का महीना आते-आते भारत-पाक में युद्ध जैसे हालात पैदा कर सकता है।
 
इस के साथ ही धर्म और मंदिर की राशि कुम्भ और इसके कारक ग्रह गुरु का ग्रहण के समय की कुंडली में पीडि़त होना राम-मंदिर या कोई अन्य धार्मिक विवाद तेजी से उठने का कारण बन सकता है।
 

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