सामने आई महर्षि आश्रम के संतों की अप्राकृतिक करतूत
भागलपुर। लोक आस्था का प्रतीक माने जाने वाले महर्षि मेंही आश्रम में अरसे बाद एक बार फिर सेवकों की जंग सतह पर आ गई है। आश्रम की आंतरिक व्यवस्था पर वर्चस्व को लेकर हमेशा विवाद में रहने वाले सेवक महेंद्र और वर्तमान आचार्य के करीबी सेवक रमेश आमने-सामने हैं।
ताजा मामला महेंद्र पर यौनाचार के आरोप का है। आइजी ने इसकी जांच का आदेश दे दिया है। इसके पहले रमेश पर पशु यौनाचार का आरोप लग चुका है। एक दूसरे पर यौनाचार व पशु यौनाचार के आरोप लगा रहे ये संत चर्चा में हैं।
छह माह पहले हुई थी मारपीट
ताजा घटना को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। आश्रम की आंतरिक व्यवस्था पर नियमानुसार आश्रम व्यवस्थापक का नियंत्रण होता आया है, लेकिन गौशाला, भोजनालय, भंडार समेत अन्य व्यवस्था पर धीरे-धीरे सेवक रमेश का नियंत्रण हो चुका है।
छह माह पहले इस नियंत्रण का आश्रम के पुराने सेवक बुजुर्ग महेंद्र ने विरोध किया था। तब आश्रम के अंदर ही कुछ सेवकों ने मारपीट कर उन्हें घायल कर दिया था। तब महेंद्र को आश्रम से निकाल बाहर करने का भी फरमान जारी हुआ था।लेकिन, बाबा अपने प्रभाव से आश्रम परिसर में जमे हुए हैं।
मारपीट मामले में मुकदमेबाजी भी हुई। रमेश का प्रभाव वर्तमान आचार्य की नजदीकी के वजह से आश्रम व्यवस्था पर है। रमेश को आश्रम परिसर में मौजूद सेवकों की संख्या बल का लाभ अपना प्रभाव बनाए रखने में मिलता है। वहीं, महेंद्र ने बरारी थाने और न्यायालय में भी कई बार मुकदमा कर अपना वजूद आश्रम व्यवस्था में बनाए रखा है।
सामने आया नया विवाद
13 जून को आश्रम परिसर में सेवक महेंद्र और रमेश के बीच पूर्व से जारी शीत युद्ध फिर सतह पर आ गया। नतीजा 13 जून की रात 12 बजे रमेश बाबा अपने कुछ सेवकों के साथ मारूति वैन लेकर बरारी थाने पहुंचे। वे यौनाचार का मामला दर्ज कराने पहुंचे थे। मीडिया की टीम को देखते ही वहां से निकल गए। रात ही एक बजे बरारी थाने की पुलिस आश्रम परिसर पहुंची और रमेश बाबा से पीडि़त को सामने लाने को कहा।
इस पर रमेश ने पुलिस को यह कहकर वापस कर दिया कि मामले में समझौता हो गया है। आश्रम परिसर की बात है, बाहर नहीं जानी चाहिए। पुलिस टीम महेंद्र बाबा को भी खोजा, लेकिन तब महेंद्र का पता नहीं था। उसके दो दिन बाद बुधवार की देर रात बरारी थाने में महेंद्र पर यौनाचार का मामला दर्ज करा दिया गया।
तेज हुई सेवकों के बीच जंग
मुकदमा दर्ज होने के बाद एक बार फिर आश्रम परिसर सेवकों की जंग से गरमा गया है। कुछ साल पहले महेंद्र ने रमेश पर पशु से यौनाचार और महिला सेविका के साथ दुव्र्यवहार करने का आरोप लगाया था। ये मामले भी अब खुलने लगे हैं।
सेवकों से किनारा कर सकते हैं आचार्य
माना जा रहा है कि सेवकों के विवाद से हमेशा दूर रहने वाले आचार्य हरिनंदन बाबा आश्रम परिसर में ऐसी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस बार दोनों सेवकों से किनारा करने का फैसला भी सामने आ सकता है।