अद्धयात्म

इस मंदिर से जुड़ी है छठव्रतियों की आस्था, हर मुराद होती है पूरी

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झारखंड की राजधानी रांची से करीब 80 किलोमीटर दूर रजरप्पा स्थित छिन्नमस्तिके मंदिर शक्तिपीठ के रूप में काफी विख्यात है।

इस मंदिर में आस्था के साथ जो भी मुराद मांगी जाती है, वह निश्चित रूप से पूरी होती है। इसलिए प्रत्येक वर्ष छठ व्रत करने के लिए कई प्रदेशों से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। यहीं वजह है कि यहां छठव्रत करने वालों की संख्या में हर वर्ष इजाफा हो रहा है। 
सूर्य उपासना का महापर्व छठव्रत शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो जाएगा। छठव्रती रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देंगे। जबकि सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। यहां स्व. विपिन बिहारी शरण द्वारा निर्मित भव्य सूर्य मंदिर छठव्रतियों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र है। वर्ष 1985 में बने इस सूर्य मंदिर में स्थापित एक पहिए के रथ को खींचते सात हरे रंग के घोड़े पर सवार सूर्य की प्रतिमा देखते ही बनती है। 
 छठव्रतियों की सुविधा के लिए छिन्नमस्तिका मंदिर न्यास समिति नवयुवक संघ द्वारा व्यापक तैयारी की गई है। यहां आने वाले छठव्रतियों का मानना है कि जागृतपीठ में स्थापित भगवान सूर्य के मंदिर में आस्था के साथ जो भी मुराद मांगी जाती है, वह निश्चित रूप से पूरी होती है। इसलिए झारखंड, बिहार, उत्तरप्रदेश से भी कई परिवार यहां पहुंचकर छठ व्रत करते हैं। 
 

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