अरविंद पनगढ़िया ने कहा, बैंक अधिकारियों के कारण बढ़ा नोटबंदी का संकट
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक नोटबंदी लागू नहीं हो पाने के पीछे बैंक अधिकारियों की अहम भूमिका थी, जिन्होंने उस तरीके से अपनी भूमिका नहीं निभाई, जिस तरीके से उन्हें निभाना था साथ ही यह इतने बड़े पैमाने पर हुआ जो प्रत्याशित नहीं था|
उन्होंने न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय की दीपक और नीरा राज केंद्र द्वारा आयोजित भारत की आर्थिक नीति और प्रदर्शन व्याख्यान के बाद विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही|
पनगढ़िया ने 500 रुपए और 1,000 रुपए के नोटों को बंद करने का यह कहते हुए बचाव किया कि यह कालेधन से लड़ने और मुद्रा के डिजिटीकरण से परिचित कराने के लिए किया गया था|उन्होंने कहा कि इसने बेहद मजबूत संदेश दिया था कि सरकार काले धन से लड़ने को लेकर प्रतिबद्ध है|
पनगढ़िया ने कहा कि यह एक विशाल कार्रवाई थी, जो लोग भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की आलोचना कर रहे हैं, वे यह नहीं समझ पा रहे हैं कि देश में नोटबंदी लागू करना कितना विशाल काम था|
उन्होंने आरबीआई की प्रशंसा करते हुए कहा कि उसने नवंबर में वैश्विक स्तर पर दो बड़ी घटनाओं के बावजूद रुपए की विनिमय दर स्थिर रखने में सफलता पाई| ये दो घटनाएं हैं – ब्रेक्सिट और डोनाल्ड ट्रंप का राष्ट्रपति चुना जाना इन दोनों घटनाओं ने ज्यादातर विकासशील देशों पर उल्टा प्रभाव डाला है|