जानिये क्यो नही की जाती है ब्रम्हा जी की पूजा
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ब्रम्हा जी जो की समूर्ण सृष्टि के रचनाकार है. ब्रह्मा जी ने हमे चारो वेदो का ज्ञान दिया है लेकिन इसी देव की कोई पूजा नही करता. क्या आप जानते है ऐसा क्यूँ है?
कहते है एक बार ब्रह्मा जी के मन मे धरती की भलाई करने के लिए यज्ञ करने का ख़याल आया. उसके बाद स्थान का चुनाव करने के लिए उन्होने अपने कमल को धरती लोक पर भेज दिया. कहते है ब्रह्मा जी द्वारा तीन बूंदे धरती पर फेंकी गयी जिसमे एक बूँद पुष्कर मे गिरी और स्थान का चुनाव करके ब्रह्मा जी वहां पहुचे जहा बूँद गिरी थी.
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पर उनकी पत्नी सावित्री वक़्त पर नही पहुच पाई. ब्रम्हा जी ने सोचा की अगर सही समय पर यज्ञ शुरू नही हुआ तो उसका असर नही होगा और उन्हे यज्ञ के लिए एक स्त्री की ज़रूरत थी. तब ब्रह्मा जी ने एक ग्वाल बाला से शादी कर ली और उसके साँथ यज्ञ मे बैठ गये. यज्ञ शुरू होने ही वाला था कि तभी सावित्री वहा पहुच गयी और अपनी जगह किसी और औरत को देख कर गुस्सा हो गयी.
उन्होने ब्रह्मा जी को श्राप दिया की इस प्रथवी लोक मे आप की कही पूजा नही की जायागी तो ब्रह्मा जी ने उनसे माफी माँगी तो उन्होने कहा की जहा पर जल की बूँद गिरी थी सिर्फ़ उसी जगह आपका मंदिर होगा और अगर कोई दूसरा आपका मंदिर बनायगा तो उसका विनाश हो जायगा. तो इसलिए सिर्फ़ पुष्कर मे ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है.