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ये है जीएसटी का वो फायदा जिससे बढ़ेगा सभी कंपनियों का मुनाफा

अमेरिका में एक ट्रक साल भर में 3 लाख किलोमीटर का सफर तय करता है. इसके उलट भारत में एक ट्रक महज 50 से 60 हजार किलोमीटर की यात्रा कर पाता है. जीएसटी लागू होने से पहले देश के ट्रांस्पोर्ट सेक्टर के लिए यही सबसे बड़ी परेशानी का सबब था.

कारण यह कि एक राज्य से दूसरे राज्य और एक शहर से दूसरे शहर तक भारत में फैक्ट्री के सामान से लदा ट्रक कितने चेकपोस्ट पर रुकेगा यह कोई नहीं जानता था. जीएसटी से यह बदल जाएगा. देश के किसी कोने में फैक्ट्री से माल लाद कर निकला ट्रक दूसरे कोने में बिना रोक-टोक पहुंच गया तो जीएसटी का फायदा ट्रक पर लगे एक-एक सामान को मिलेगा- फैक्ट्री से बाजार तक माल पहुंचाने की लागत में कटौती.

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ये है जीएसटी का वो फायदा जिससे बढ़ेगा सभी कंपनियों का मुनाफाइस उम्मीद पर माना जा रहा है कि देश में 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने का एक बड़ा फायदा ट्रांसपोर्ट सेक्टर पर पड़ने जा रहा है. इस सेक्टर के लिए जीएसटी से अच्छी खबर का साफ मतलब है कि देशभर के कारोबारी को इसका सीधा फायदा होगा. उनका मुनाफा बढ़ जाएगा.

रोड ट्रांस्पोर्ट मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक ट्रांस्पोर्ट सेक्टर को जीएसटी से होने वाले फायदे का अंदाजा इस एक बात से लगाया जा सकता है कि अब इंटर स्टेट चेक पोस्ट की टैक्स विभाग को जरूरत नहीं है. क्योंकि माल ले लदे ट्रक पर राज्यों के दर्जनों सेल्स टैक्स अब जीएसटी में समाहित हो चुका है. लिहाजा किसी फैक्ट्री में माल बनकर तार होगा, उसी समय ट्रक पर लदाई के वक्त ही उसकी यात्रा का जीएसटी पेपर तैयार हो जाएगा जिसे यात्रा के दौरान चेक या अपडेट कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

जीएसटी लागू होने के बाद ऐसा होने से देश में माल से लदे ट्रक के ट्रैवल टाइम में बड़ी कटौती देखने को मिलेगी. वहीं जीएसटी के तहत प्रस्तावित ई-बिल व्यवस्था से 50,000 रुपये से अधिक के सामान का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ट्रकों द्वारा मौजूदा समय में लिए जा समय को और कम कर देगा. वहीं ट्रांस्पोर्ट सेक्टर में इन बदलावों के साथ देशभर सुधरती हाइवे स्थिति से देश में बड़े कंटेनर ट्रक की मांग भी बढ़ेगी जिससे कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बाजार तक पहुंच सकेगा.

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कई चरण के वैट की जगह देशभर में सिंगल जीएसटी का एक और बड़ा फायदा लॉजिस्टिक में यह होगा कि अब कंपनियों को अलग-अलग राज्यों में विशेष वेयरहाउस रखने की जरूरत नहीं होगी. पहले अलग-अलग राज्यों में टैक्स दर अलग रहने के कारण कंपनियों को विशेष वेयरहाउस हर राज्य में बनाना पड़ता था. अब जीएसटी लागू होने के बाद कंपनियों पर ऐसी बाध्यता नहीं रहेगी.

गौरतलब है कि भारत में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में जीएसटी से पहले लॉजिस्टिक कॉस्ट 14 फीसदी थी. जबकि दुनिया के अहम देशों में यह कॉस्ट महज 6-8 फीसदी आती है. केन्द्र सरकार को उम्मीद है कि जीएसटी के चलते अब भारत में भी लॉजिस्टिक कॉस्ट घटकर 10-12 फीसदी के दायरे में आ जाएगी जिससे न सिर्फ कंपनियां उत्पाद को कम दाम पर बेच सकेंगी बल्कि अपने मुनाफे को भी बढ़ा सकेंगी.

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