जानिए, भारत में कैसे हुआ इस्लाम का आगमन
भारत में इस्लाम का आगमन
सन् 711 ईसवी में भारत देश में इस्लाम का आगमन हुआ था. इसी साल की बात है जब मुसलमानों ने स्पेन में भी दाखिल किया था. दरअसल मुसलमानों के नागरिक जहाज को कुछ समुद्री लुटेरों ने बंधक बना लिया था. जिसे छुड़ाने की खातिर वो भारत आए. क्योंकि जिस जगह पर उनके पानी जहाज को बंधक बनाया गया था, वो जगह सिंध के राजा दाहिर के राज्य में आती थी. कूटनीतिक और राजनैतिक प्रयास असफल होने के बाद बगदाद के हज्जाज बिन युसुफ़ ने 17 साल की उम्र के बिन कासिम को छोटी सेना के साथ राजा दाहिर से युद्ध के लिए भेजा. राजा दाहिर और बिन कासिम के बीच हुए युद्ध में सिंध के राजा दाहिर को हार का मुुंह देेेखना पड़ा था. बस यहाँ भारत में इस्लाम का आगमन हुआ.
युद्ध के लिये सिंध के राजा दाहिर ने अपने बेटों और दूसरे राज्यों से मदद मांगी. और बिन कासिम से उन्होंने युद्ध किया. लेकिन बिन कासिम ने मुल्तान, दीपालपुर, अरोर, ब्राह्मनावाद, बहरोर, रावर और निरून पर सन 713 ईसवी में जीत हासिल कर ली. और कश्मीर से लेकर पंजाब और सिंध तक अपने राज्य को स्थापित कर लिया.
उन दिनों बिन कासिम की उम्र केवल 19 वर्ष की थी. तब से लेकर सन् 1857 तक यानी कि मुगल साम्राज्य के पतन होने तक भारत पर आधिपत्य रहा था. भारतवासियों के साथ बिन कासिम का व्यवहार काफी न्यायिक रहा था. इसी वजह से यहां की जनता उन्हें काफी स्नेह करती थी. और जब वो वापस बगदाद लौट रहा था, तो भारत वासियों ने नम आंखों से उन्हें विदा किया था. भारतवासी काफी भावविभोर हो गए थे.
दोस्तों, एक कम्युनिटी को हजरत मुहम्मद के सानिध्य इस्लाम धर्म कबूल करवाया गया था जो कि मवबार में रह रही थी. सन् 713 ईसवी से हीं भारत देश में इस्लाम का आगमन हो चुका था. और संन् 1857 तक निरंतर ये बरकरार रहा था. ये वो समय था जब दूसरे कई और मुस्लिम शासकों का भारत में आगमन हुआ था.
11वीं शताब्दी में मुगल शासकों ने भारत देश की राजधानी दिल्ली को बनाया और बाद में जब मुगल शासकों ने यहां राज किया तो भी देश भारत की राजधानी दिल्ली हीं थी. दो दशक भारत देश के सम्राट अकबर ने कुछ अंग्रेजों को यहां रुकने दिया था। लेकिन धीरे-धीरे कर अंग्रेजों ने देश के छोटे-छोटे नवाबों और राजाओं से सांठ-गांठ बना ली. और फिर धीरे-धीरे कर उन्होंने आखिरी में संन् 1857 में भारत से मुगल साम्राज्य का पूरी तरह अंत कर दिया.
भारत में काफी लंबे समय तक मुस्लिम शासकों ने शासन किया. पूरी दुनियां में भारत देश में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मुस्लिम की जनसंख्या रहती है. हमेशा से हिंदू और मुस्लिम दोनों साथ-साथ मिलकर रहे. दोनों ने एक-दूसरे को स्वीकार किया. और दोनों के दिल में दोनों धर्म के लिए इज्जत और मोहब्बत पहले भी थी और आज भी है.
दोस्तों इस तरह से भारत में इस्लाम का आगमन हुआ
भारत पाकिस्तान अलग नहीं हुए होते, तो ये संभव था कि भारत देश दुनियांं का अकेला और पहला ऐसा देश रहता, जहां मुस्लिम आबादी सबसे अधिक होती. खैर जो भी हो, कहते हैं ना कि “जो होता है अच्छे के लिए ही होता है.” हमारी यही कामना रहेगी कि हिंदू-मुस्लिम की एकता बनी रहे. और इनमें प्यार और बढ़ता हींं रहे. उनके बीच की दूरियां हमेशा के लिए खत्म हो. और भाई चारे के साथ एक-दूसरे से मोहब्बत का रिश्ता बना रहे.