नई दिल्ली : चीन ने कहा उसके और भारत के सामने अर्थव्यवस्था के विकास से जुड़ी साझा जिम्मेदारियां हैं। इसलिए दोनों ही देशों को अनुकूल माहौल को प्रोत्साहित करने पर ध्यान देना चाहिए। परस्पर सहयोग से इन लक्ष्यों को कम समय में हासिल किया जा सकता है। चीनी दूतावास के प्रवक्ता का बयान रूस में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से पहले आया है। इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाग लेने वाली हैं। चीनी दूतावास के प्रवक्ता शी लियान ने एक वीडियो संदेश में कहा चीन और भारत दोनों विकासशील देश हैं। उनके सामने अर्थव्यवस्था के विकास तथा जनता के कल्याण से जुडी अनेक परियोजनाएं शुरू करने का दबाव है। इस प्रक्रिया को जारी रखने के लिए दोनों देशों को अनुकूल बाहरी माहौल को प्रोत्साहित करना होगा। लियान ने कहा चीन और भारत पड़ोसी देश हैं, जो किसी भी तरह एक दूसरे से दूर नहीं हो सकते। हम एक आसमान के नीचे रहते हैं। उन्होंने कहा ब्रिक्स और एससीओ के महत्वपूर्ण देशों के रूप में चीन और भारत वैश्वीकरण बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में लोकतंत्र मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रवक्ता ने कहा निकट भविष्य में दोनों देशों के बीच संस्थागत संवाद होंगे। भारत और चीन के नेताओं को अगले साल एक दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा। वीडियो संदेश में शी ने शियामेन में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात का भी जिक्र किया, जहां दोनों नेता महत्वपूर्ण आम-सहमतियों पर पहुंचे थे। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की हाल ही में हुई नेशनल कांग्रेस में लिए गए अनेक फैसलों के संबंध में भी बातचीत की। गौरतलब है कि भारत जून में पाकिस्तान के साथ एससीओ का पूर्णसदस्य बना था। यह चीन के प्रभुत्व वाला एक सुरक्षा समूह है, जिसे तेजी से नाटो के मुकाबले सत्ता-संतुलन करने वाले संगठन के तौर पर बढ़ते हुए देखा जा रहा है।