पाक की जेल में बंद भारतीय नागरिक को रिहाई के लिए करना होगा इंतजार
पाकिस्तानी जेल में बंद भारतीय नागरिक हामिद नेहाल अंसारी की रिहाई नहीं हो पाई है क्योंकि अधिकारियों ने एक सैन्य अदालत द्वारा उसकी दोषसिद्धि के रेकॉर्ड और यहां एक शीर्ष अदालत में जेल वॉरंट जमा नहीं कराए हैं। मुम्बई निवासी अंसारी को वर्ष 2012 में कथित रूप से अपनी ऑनलाइन दोस्त एक लड़की से मिलने अफगानिस्तान से अवैध रूप से पाकिस्तान में घुसने पर गिरफ्तार कर लिया गया था। एक सैन्य अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उसे 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।
मामले की सुनवाई फिर से शुरू करते हुए पेशावर हाई कोर्ट की 2 जजों वाली एक पीठ ने प्रतिवादियों को अंसारी का दोषसिद्धि आदेश पेश करने के साथ-साथ उनके जेल वॉरंट की विस्तृत जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए कहा था। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार हालांकि प्रतिवादियों ने अंसारी की दोषसिद्धि के रेकॉर्ड और उसके जेल वॉरंट को नहीं सौंपा है। यह रेकॉर्ड गुरुवार को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद कोर्ट ने अधिकारियों को 31 जनवरी तक रेकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए और मामले की सुनवाई स्थगित कर दी।
अनवर ने कहा, ‘कानून के तहत वह अपनी 3 वर्ष की सजा पहले ही पूरी कर चुका है और वह वर्ष 2012 से पाकिस्तान की जेल में है और अब उसे रिहा किया जाना चाहिए।’ उन्होंने अदालत को बताया, ‘अंसारी एक जासूस नहीं है। सैन्य अदालत ने सुनवाई करके उसे 3 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी जो कि पहले ही पूरी हो चुकी है।’ उल्लेखनीय है कि अंसारी को वर्ष 2012 में सुरक्षा एजेंसियों ने कोहाट के एक होटल से कथित रूप से एक फर्जी आईडी के साथ गिरफ्तार किया था। अंसारी की याचिका के अनुसार वह एक लड़की से मिलने पाकिस्तान आया था जो सोशल मीडिया पर उसकी दोस्त बनी थी।