हत्या के 2 मामलों में दोषी बाबा रामपाल समेत 15 को उम्रकैद
पुलिस और अद्धसैनिक बलों ने शहर के विभिन्न भागों में बुधवार की शाम को फ्लैग मार्च भी निकाला था। जिला मजिस्ट्रेट अशोक कुमार मीणा ने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा भी लागू की है जो कम से कम 17 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी।
हिसार : सत्र अदालत ने आज हत्या के दो मामलों और अन्य अपराधों में सतलोक आश्रम के स्वयं-भू बाबा रामपाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 11 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए हत्या के दो मामलों में रामपाल और उसके अनुयायियों को दोषी करार दिया था। मंगलवार को सजा के ऐलान को देखते हुए पुलिस ने हिसार और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी है। गौरतलब है कि बीते 11 अक्टूबर को हिसार के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.आर. चालिया ने हत्या के दो मामलों और अन्य अपराधों में रामपाल और उसके अनुयायियों को दोषी ठहराया था। न्यायाधीश चालिया ने हिसार जिला जेल के अंदर एक अस्थायी अदालत में लगभग चार वर्ष तक चली सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाया था। 67 वर्षीय रामपाल और उसके अनुयायी नवम्बर, 2014 में गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद थे। रामपाल और उसके अनुयायियों के खिलाफ बरवाला पुलिस थाने में 19 नवम्बर, 2014 को दो मामले दर्ज किए गए थे। पहला मामला दिल्ली में बदरपुर के निकट मीठापुर के शिवपाल की शिकायत पर जबकि दूसरा मामला उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले के सुरेश ने दर्ज कराया था। दोनों ने रामपाल के आश्रम के अंदर अपनी पत्नियों की हत्या की शिकायत की थी, उन्होंने आरोप लगाया था कि दोनों महिलाओं को कैद करके रखा गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। हत्या के आरोपों के अलावा इन पर लोगों को गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगाया गया था। पुलिस जब आश्रम के अंदर मौजूद रामपाल को गिरफ्तार करने जा रही थी तो उसके लगभग 15 हजार अनुयायियों ने 12 एकड़ जमीन में फैले आश्रम को घेर लिया था ताकि स्वयं-भू बाबा की गिरफ्तारी नहीं हो सके। स्वयं-भू बाबा के अनुयायियों की हिंसा के कारण छह लोगों की मौत हो गई थी। इस बीच हिसार जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए हैं ताकि रामपाल को सजा सुनाए जाने के बाद जिले में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति को कायम रखा जा सके। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिले के विभिन्न स्थानों पर चार हजार से अधिक पुलिसकर्मियों के अलावा, त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) और अद्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।